बच्चों को अपने जीवन में स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने दें माता-पिता : मोदी

By: Team Aapkisaheli | Posted: 04 , 2015

बच्चों को अपने जीवन में स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने दें माता-पिता : मोदी
नई दिल्ली। हर वर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक मां के बाद बच्चो का दूसरा गुरू होता है इसलिए शिक्षक को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक का महत्व सबसे अधिक रखता है क्योंकि मां के बाद बच्चो को गुरू ही जीवन देता है।

शिक्षक दिवस को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व देश के राष्ट्रपति ने बच्चाों से बात की उनसे संवाद किए और उनके सवालों के सरलता से जवाब भी दिए। प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति का संवाद शिक्षक दिवस के एक दिन पहले ही बच्चाों से हुआ है क्योंकि शनिवार को शिक्षक दिवस के साथ साथ हिन्दुओं का त्यौहार कृष्ण जन्माष्टमी भी है। जन्माष्टमी पर छुट्टी होने के कारण प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति का संवाद कार्यक्रम एक दिन पहले ही करना पडा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के मानेकशा ऑडिटोरियम में बच्चाों को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि बच्चो के जीवन में मां और शिक्षक का अहम योगदान रहता है क्योंकि मां बच्चो को जन्म देती है तो शिक्षक यानि गुरू उस बच्चो को जीवन देता है। विद्यार्थी अपना सबसे अधिक समय शिक्षक के साथ बिताता है इसलिए शिक्षक व विद्यार्थी के बीच अपनत्व का भाव रहता है और होना भी चाहिए। शिक्षक से मिले ज्ञान को ही विद्यार्थी अपने जीवन में उतार कर आगे बढता है क्योंकि शिक्षक जो ज्ञान देता है वह ज्ञान उसे जीवन भर याद रहता है। कुम्हार जिस तरह घडे को ठोक ठोक कर व आग में पका कर उस घडे को पक्का कर देता है वैसे ही शिक्षक बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर उनका संस्कार गढता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मां बाप को बच्चाों को स्वतंत्र रूप से आगे बढने देना चाहिए। कई बार बच्चाों की इच्छा के विपरीत हम उन्हें रास्ते अपनाने के लिए बाध्य करते हैं जैसे बच्चाा क्या पढना चाहता, अपने जीवन में वह किस क्षेत्र में अपनी रूचि रखता है इसके लिए माता पिता को बच्चाों को स्वतंत्र रूप से फैसला करने का अधिकार देना चाहिए। बच्चाों पर माता पिता को अपनी इच्छाएं नहीं थोपनी चाहिए। माता पिता बच्चो के इच्छा केे विरूद्ध बच्चो से फैसला लेने को बाध्य करेंगे तो बच्चाा सफल नहीं होगा।

माता पिता को चाहिए कि अपने सपने वह स्वयं पूरे करें अपने सपनों को पूरा करने के लिए बच्चाों पर अपनी इच्छाएं न थोपें उन्हें अपने जीवन में स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने दें। प्रधानमंत्री ने बच्चाों से देश की सेवा सहित विविध विषयों पर खुलकर बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षकों की तारीफ करते हुए कहा कि आज भी देश में अच्छे शिक्षकों की कमी नहीं है क्योंकि यह बच्चाों से संवाद करने से महसूस हो रहा है कि आज भी शिक्षक बच्चाों को अच्छी शिक्षा देते हैं।

उन्होंने कहा कि शिक्षक कभी उम्र में बंधा नहीं होता न ही शिक्षक कभी रिटायर होता है। प्रधानमंत्री ने शिक्षा के प्रति समर्पित रहने के डा. राधाकृष्णन व एपीजे अब्दुल कलाम जैसे सम्मानित व्यक्तियों के उदाहरण देकर कहा कि मिसाइलमैन के नाम से मशहूर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम अंतिम सांस तक विद्यार्थियों के साथ संवाद किया। इससे पहले, इस मौके पर पीएम मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति एवं शिक्षाविद, अध्यापक एवं दार्शनिक डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में 125 रूपये का स्मारक सिक्का और 10 रूपये का परिचालन में रहने वाला सिक्का भी जारी किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने आंगनव़ाडी में काम करने वाली एक महिला के कार्यो का जिक्र भी किया। प्रधानमंत्री ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय की कला उत्सव पहल के जरिये बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे विषयों को नाटक एवं कला के माध्यम से आगे बढ़ाने का सुझाव दिया।

Mixed Bag

Ifairer