पाक में पांच मकानों में सुरक्षित रहता था लादेन

By: Team Aapkisaheli | Posted: 00 Aug, 0000

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 पाक में पांच मकानों में सुरक्षित रहता था लादेन
न्यूयॉर्क। अल कायदा के पूर्व प्रमुख ओसामा बिन लादेन की सबसे कम उम्र की बीवी अमाल अहमद अब्दुल फतेह ने खुलासा किया है उसका शौहर अमेरिका पर हुए 9/11 हमले के बाद पाकिस्तान के अलग-अलग जगहों पर स्थित पांच सुरक्षित मकानों में नौ साल तक अपने परिवार के साथ रहा। अमाल ने यह जानकारी पाकिस्तान के संयुक्त जांच दल को दी। लादेन की विधवा पकिस्तानी अधिकारियों की हिरासत में है। पिछले साल अमेरिकी विशेष बलों के एक अभियान में पाकिस्तान के ऎबटाबाद में मारा गया ओसामा जब फरार चल रहा था उस वक्त की उसकी जिंदगी के बारे में यह अहम खुलासा फतेह ने उन पाकिस्तानी अधिकारियों के सामने किया था जो शहर में अल-कायदा प्रमुख की मौजूदगी की जांच कर रहे हैं। फतेह का यह खुलासा 19 जनवरी की तारीख वाली पुलिस रिपोर्ट में शामिल है। रिपोर्ट की मानें तो फतेह ने साल 2000 में ओसामा बिन लादेन से शादी की रजामंदी दी थी क्योंकि उसकी ख्वाहिश किसी मुजाहिद से ब्याही जाने की थी। जुलाई 2000 में वह कराची आई और महीनों बाद अपने पति और उसकी दो और बीवियों के पास अफगानिस्तान चली गयी जहां ओसामा कंधार प्रांत के बाहरी इलाके में रहता था। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 11 सितंबर के हमले की वजह से लादेन का परिवार बिखर गया। फतेह अपनी नवजात बच्ची साफिया के साथ फिर कराची लौट आई और वहां तकरीबन नौ महीने रही। इस दौरान वह सात मकानों में रही जिसका इंतजाम किसी पाकिस्तानी परिवार और लादेन के ब़डे बेटे साद ने किया था। साल 2002 के आखिरी छह महीने में उसने कराची छो़ड दिया। तब एक बार फिर फतेह को अपने शौहर के साथ रहने का मौका मिला। यह ऎसा वक्त था जब अमेरिका जोर-शोर से लादेन की तलाश में जुटा था क्योंकि अल कायदा के ल़डकों ने केन्या में एक इस्त्राइली शख्स के होटल और इंडोनेशिया के नाइट क्लबों पर दहशतगर्दी हमले किए थे। इन दिनों पाकिस्तान-अफगानिस्तान के सीमाई इलाकों में सरगर्मी से ओसामा की तलाश की जा रही थी। फतेह ने अधिकारियों को बताया कि लादेन अपने परिवार को पश्चिमोत्तर पाकिस्तान के कबायली नहीं बल्कि पह़ाडी इलाकों में लेकर चला आया था। जबकि पश्चिमी देश कबायली इलाकों में लादेन को तलाश रहे थे। लादेन की बीवी ने बताया कि वे पहले इस्लामाबाद से 80 मील की दूरी पर स्थित स्वात के शांगला जिले में ठहरे। यहां उन्होंने आठ-नौ महीनों का अपना ठहराव दो मकानों में बिताया। फिर साल 2003 में वे हरिपुर चले गए जो इस्लामाबाद से सटा एक छोटा सा शहर है। यहां उन्होंने किराए के एक मकान में दो साल बिताए। हरिपुर में ही फतेह ने साल 2003 में अपनी बेटी आसिया को जन्म दिया जबकि 2004 में वह इब्राहिम की मां बनी। दोनों बच्चों हरिपुर के एक सरकारी अस्पताल में ही पैदा हुए।
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