एक नजर ओबामा पर . . . . .

By: Team Aapkisaheli | Posted: 08 Nov, 2012

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एक नजर ओबामा पर . . . . .
वाशिंगटन। बराक हुसैन ओबामा ने लगातार दूसरी बार राष्ट्रपति का चुनाव जीतकर फिर इतिहास रच दिया है। ओबामा ने चार नवंबर 2008 को भी इतिहास रचा था जब रिपब्लिकन उम्मीदवार जॉन मैकेन को हराकर वह पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने थे। उस समय वे 44वें राष्ट्रपति चुने गए थे। उस वक्त उनकी उम्र 47 वर्ष थी। वे हेनरी ट्रमैन के बाद बाद पहले राष्ट्रपति हैं जो शहरी इलाके से आए और हवाई में पैदा हुए थे। ओबामा का जन्म चार जुलाई 1961 को हवाई में हुआ। उनके पिता कीनिया के एक बुद्धिजीवी थे। हवाई यूनिवर्सिटी में पढते समय वे कंसास निवासी ऎन से मिले और उससे शादी कर ली। ओबामा बहुत छोटे थे जब उनके माता पिता ने तलाक ले लिया और उनके पिता परिवार को छोडकर चले गए। इसके बाद अपने पिता से उनकी मुलाकात सिर्फ एक बार हुई जब वे हवाई आए थे। जब बराक ओबामा छह वर्ष के थे तो उनकी मां ने एक इंडोनेशियाई व्यक्ति से शादी कर ली और परिवार जकार्ता चला गया। तब उन्हें बैरी के नाम से पुकारा जाता था। बाद में वे अमरीका लौट आए और उनके नाना-नानी ने ही उनका पालन पोषण किया। दुनिया की सबसे बडी मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में रहने और कीनियाई मुस्लिम पिता के बेटे होने की वजह से दक्षिण पंथियों ने ये खूब प्रचार किया कि वे गोपनीय रूप से इस्लाम का पालन करते हैं। ये भी कहा गया कि वे अमरीका में पैदा नहीं हुए हैं लेकिन ओबामा इन अफवाहों को गलत साबित करने में सफल रहे। कोलंबिया यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क से स्नातक ओबामा शिकागो के गरीब इलाकों में तीन वर्ष तक सामुदायिक संयोजक की तरह काम करते रहे। इसके बाद उन्होंने हॉवर्ड लॉ स्कूल में पढाई की। शिकागो की एक लॉ फर्म में काम करते हुए वे मिशेल रॉबिन्सन से मिले और 1992 में दोनों ने विवाह कर लिया। उनकी दो बेटियां मलिया और साशा हैं। हॉर्वर्ड की डिग्री के बाद वे नागरिक अधिकारों के मामलों की वकालत करने लगे। फिर वे यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में पढाने लगे। यूनिवर्सिटी में वे एक लोकप्रिय शिक्षक और विधि विचारक के रूप में जाने गए। 1996 में वे इलिनॉय प्रांत से सीनेट चुने गए। सीनेटर के रूप में उन्होंने इराक युद्ध का जमकर विरोध किया जिसने बाद में उन्हें राष्ट्रपति की उम्मीदवारी में सहायता की। वर्ष 2007 में जब उन्होंने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए दावेदारी पेश की तो उन्हें सीनेट में दो ही वर्ष हुए थे। उनके कुछ विरोधियों ने उन्हें अपात्र कहा तो कुछ ने अपरिपक्व लेकिन वे अपने आपको साबित करने में सफल रहे।
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