सख्त के बाद सरसों और चने के दाम गिरे
By: Team Aapkisaheli | Posted: 00 Aug, 0000
नई दिल्ली। वायदा बाजार आयोग के सख्त रूख के बाद बुधवार को सरसों और चने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। आगे भी इनकी कीमतों में गिरावट आ सकती है। हाजिर कारोबारियों ने सरसों और चने के वायदा कारोबार पर भी रोक लगाने की मांग की है। एफएमसी ने एक्सचेंजों से अक्टूबर 2010 से अब तक के सरसों, चना समेत अन्य तेजी से बढऩे वाली जिंसों के आंक़डे मांगे हैं। एनसीडीएक्स में चना अप्रैल अनुबंध के दाम 99 रूपये गिरकर 3608 रूपये और सरसों अप्रैल अनुबंध के दाम 88 रूपये गिरकर 3804 रूपये प्रति क्विंटल रह गए। कमोडिटीइनसाइटडॉटकॉम के जिंस विश्लेषक प्रशांत कपूर ने कहा कि एफएमसी के क़डे रूख के बाद वायदा कारोबारियों ने पुराने सौदों की बिकवाली तेज कर दी है, जिससे कीमतों में गिरावट आई है। ऎंजल ब्रोकिंग के जिंस विश्लेषक बदरूद्दीन कहते हैं- सटोरियों को डर है कि ग्वार की तरह सरसों और चने के वायदा कारोबार पर रोक न लग जाए। इसलिए वे मुनाफावसूली के मूड में हैं। वैसे भी सरसों और चने की आवक जोर पक़डेगी और एफएमसी भी सख्त है। इन हालात में इनके दाम बढऩे की संभावना नहीं है। राजस्थान के सरसों कारोबारी निरंजन लाल और मध्य प्रदेश के चना कारोबारी समीर भार्गव ने वायदा कारोबार पर रोक लगाने की मांग की है। एक तेल मिल मालिक ने कहा कि सरसों काफी महंगी होने से मिलों को दिक्कत हो रही है। सरकार को उद्योग और उपभोक्ताओं के हित को देखते हुए इसके वायदा कारोबार को तुरंत बंद कर देना चाहिए।