मुबारक को उम्रकैद, मिस्त्र में जश्न

By: Team Aapkisaheli | Posted: 03 Jun, 2012

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मुबारक को उम्रकैद, मिस्त्र में जश्न
काहिरा। मिस्त्र के अपदस्थ राष्ट्रपति होस्त्री मुबारक को पिछले साल सत्ता विरोधी प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों की हत्या में संलिप्तता का दोषी करार देकर एक अदालत ने शनिवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। यानी उन्हें अपनी जिंदगी के 25 साल जेल में काटने होंगे। बीमार चल रहे इस 84 वर्षीय पूर्व तानाशाह के साथ पूर्व गृह मंत्री हबीब अल-अदली को भी इसी जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

हालांकि अदालत ने छह पूर्व पुलिस कमांडरों को बरी कर दिया। मुबारक के बेटों अला और जमाल के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज कर दिया गया है। बीबीसी के मुताबिक, "फैसले की घोषणा होते ही मारे गए प्रदर्शनकारियों के रिश्तेदारों में खुशी की लहर दौड गई। उन्होंने आतिशबाजी की। एक मृतक के रिश्तेदार सोहा सईद ने बताया कि वह बहुत खुश हैं, बहुत ही ज्यादा।" लेकिन जैसे ही आदली के सहयोगी मंत्रियों के रिहा होने की खबर आई, प्रदशर्नकारियों के रिश्तेदार गुस्सा होकर चीखने चिल्लाने लगे। इससे पहले मुख्य न्यायाधीश अहमद रेफात ने जोर देकर कहा कि अदालती कार्यवाही न्यायपूर्ण रही है। उन्होंने 1981 से 2011 तक के मुबारक के दौर को "तीस साल का अंधकार" और प्रदर्शनकारियों को देश के सपूत बताया जो उनके अनुसार शांतिपूर्ण तरीके से आजादी और न्याय के लिए लडे।

गौरतलब है कि मिस्त्र में 18 दिन चले विद्रोह में 800 से अधिक प्रदर्शनकारी मारे गए थे जिसके बाद 11 फरवरी 2011 को मुबारक को अपना पद छोडना पडा था। सजा सुनाए जाने के वक्त अदालत में स्ट्रेचर पर मौजूद मुबारक के चेहरे पर कोई शिकन नहीं दिखी, लेकिन उनके बेटों की आंखों में आंसू आ गए। महाधिवक्ता ने मुबारक को टोरा कारागार में स्थानांतरित करने का आदेश दिया, जहां उन्हें अपनी सजा काटनी होगी। उधर, ऎसी भी खबरें मिलीं कि मुबारक के वकील इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर करेंगे। सुनवाई के दौरान गृह मंत्रालय ने अदालत के परिसरों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए थे। फैसला सुनाने के बाद अदालत में विरोधी गुटों के बीच हाथापाई भी देखने को मिली।
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