फिल्म समीक्षा : "Khamoshiyan"

By: Team Aapkisaheli | Posted: 31 Jan, 2015

फिल्म समीक्षा :
"राज" और "मर्डर" जैसी फिल्में बना चुके बॉलीवुड के जाने माने फिल्म निर्माता एवं निर्देशक महेश भट्ट की फिल्म "खामोशियां" इस हफ्ते सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई। यह फिल्म नई पीढी की अलौकिक प्रेम कहानी पर आधारित है जो कि "राज" सीरीज की फ्रेंचाइजी से कहीं आगे है। इस फिल्म से दो टीवी स्टार्स ने बॉलीवुड में डेब्यू किया है जिनमें पहला नाम हैं एक्टर गुरमीत चौधरी और दूसरी एक्ट्रेस सपना पब्बी हैं।

कहानी... ये तीन युवाओं की कहानी है जो अपनी जिंदगी में कुछ पाने और करने की कोशिश में कई उतार-चढाव से गुजरते हैं। फिल्म की कहानी एक यंग उपन्यासकार कबीर (अली फजल) से शुरू होती है। कबीर युवा लेखक है और नया उपन्यास लिखने की प्रेरणा की चाह में वह एक यात्रा पर निकलता है। जहां उसकी मुलाकात मीरा (सपना पब्बी) से होती है जो कश्मीर में गेस्ट हाउस चलाती है। मीरा शादीशुदा है।

उसकी शादी गेस्ट हाउस के मालिक जयदेव (गुरमीत चौधरी) से हुई है। जयदेव कभी बेहद अमीर और पेपर मिल का मालिक हुआ करता था लेकिन अब उसकी तबीयत ठीक नहीं है। उस गेस्ट हाउस में रहने के दौरान कबीर के साथ कुछ अजीब घटनाएं होती हैं जिसके बाद वो उस घर और मीरा की जिंदगी से जुडी सच्चाई को जानने में जुट जाता है। वो जितना मीरा से इस बारे में बात करता है उतना ही उसकी ओर खिंचा चला जाता है और कन्फ्यूज होता है कि ये घटनाएं वास्तविक हैं या उसका भ्रम। इस राज जानने की कोशिश में कबीर फंस जाता है और आगे क्या होता है जानने के लिए फिल्म देखने पडेगी।

अभिनय... फिल्म में अली फजल और गुरमीत चौधरी की एक्टिंग शानदार रही। गुरमीत के लिए ये भले ही पहली बॉलीवुड फिल्म हो, लेकिन वो टीवी के मंझे हुए और सफल एक्टर हैं। जिसका पूरा फायदा उन्हें फिल्म में मिला। अली फजल इससे पहले कई फिल्मों में खुद को साबित कर चुके हैं और यहां भी उन्होंने स्क्रीन पर आते ही दर्शकों को बांधकर रखा। वहीं, ब्रिटिश मॉडल रहीं सपना की एक्टिंग को भी पहली फिल्म के हिसाब से ठीक कहा जा सकता है।

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