कसाब : फांसी का खर्च सिर्फ 50 रूपए

By: Team Aapkisaheli | Posted: 01 , 2012

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कसाब : फांसी का खर्च सिर्फ 50 रूपए
मुंबई। बुधवार को फांसी की सजा पाए आतंकी कसाब को सुरक्षित रखने के लिए महाराष्ट्र सरकार 50 करोड रूपए खर्च कर चुकी है। प्रतिदिन उस पर साढे तीन लाख खर्च किए जाते हैं लेकिन पुराने कानून के अनुसार फांसी के लिए जो बजट निर्धारित है वह है मात्र 50 रूपए।

पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब को फांसी की सजा मिलने पर एक शताब्दी पुराने कानूनो पर ध्यान आकृष्ट हुआ है। महाराष्ट्र में पिछली बार फांसी पुणे की यरवदा जेल में अगस्त 1995 में दी गई थी। तब सुधाकर जोशी को हत्या के मामले में फांसी दी गई थी। अब 17 साल बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब भी कसाब को फांसी दी जाएगी, इसके लिए रस्सियों को नापा व परखा जाएगा।

जेल अधीक्षक कसाब को बताएंगे कि लिखित दया याचिका के लिए उसके पास सात दिन का समय है। इसके बाद गेंद महाराष्ट्र के राज्यपाल और फिर राष्ट्रपति के पाले में होगी। अगर याचिका खारिज हो जाती है तो फांसी दी जाएगी। जेल सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, फांसी देने वाले को इसके लिए कोई फीस या भुगतान नहीं किया जाता।

भारत में फांसी उन कानूनों के तहत दी जाती है जो 1894 में बनाए गए थे। भारत में जेल कानून वह प्रमुख कानून है जिसके तहत राज्य फांसी के लिए नियम बनाते हैं। हालांकि जेल कानून में समय-समय पर बदलाव किया जाता रहा है।
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