देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम, किसना के स्वागत को तैयार छोटी काशी

By: Team Aapkisaheli | Posted: 10 , 2012

शाहरूख का महिलाओं का सम्मान, शुरूआत दीपिका से करेंगे!
देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम, किसना के स्वागत को तैयार छोटी काशी
मुंबई में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर उत्साह के साथ दही हांडी उत्सव मनाया जा रहा है। जगह-जगह दही हांडी फो़डने के लिए टोलियों में गोविंदाओं के झुंड निकल प़डे हैं। मटकी फो़डने की हो़ड में फिल्मी सितारों और नेताओं की शिरकत ने उत्सवी माहौल को और भी रंगीन बना दिया है। बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की याद में भी एक मटकी रखी गई है। पूरा देश माखनचोर बृजकिशोर श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रंग में रंगा हुआ है। मथुरा, वृंदावन, आगरा, जयपुर, दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, पटना और भोपाल सहित छोटे-बडे सभी शहरों में जन्माष्टमी उत्सव पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। कृष्ण मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर कृष्ण जन्म की तैयारियां जोरों पर हैं वहीं मुंब्ाई में इस अवसर पर आयोजित दही हांडी उत्सव की रौनक भी परवान पर है। राजस्थान की राजधानी गुलाबीनगरी माखनचोर के स्वागत में जुटी नजर आ रही है। शुक्रवार को जन्माष्टमी है और हर मंदिर में कृष्ण जन्म की तैयारियां जोरों पर हैं। चार दिनों से शहर में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। शहर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर के साथ अन्य मंदिरों में भी प्रत्येक झंाकी में श्रद्धालुओं की संख्या आम दिन की अपेक्षा दोगुनी नजर आ रही है। मंदिर कमेटी से जुडे पदाधिकारियों का कहना है कि तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। गोविंद देव जी मंदिर में जन्माष्टमी पर्व पर सुबह से ही श्रद्धालुओं के लिए दर्शन खुले रहेंगे। वहीं शाम सात बजे के बाद मंदिर छंावण में विशेष पासधारी ही प्रवेश कर पाएंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए बेरीकेट्स लगाए गए हैं। श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश आगे से होगा और निकास पीछे के रास्ते से होगा। मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि मंदिर में अर्द्धरात्रि 12 बजे कृष्ण जन्म होगा। कृष्ण जन्म की खुशी में तोप चलाई जाएंगी। शनिवार सुबह मंदिर में नंदोत्सव का आयोजन होगा। इस अवसर पर श्रद्धालु कृष्ण जन्म की खुशी में उछाल लुटाएंगे। वहीं आनंद कृष्ण बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव के अंतर्गत सुबह ठाकुर जी का पंचामृत अभिषेक कर नयनाभिराम शृंगार किया जाएगा। रात आठ बजे से रात्रि 12 बजे कृष्ण जन्म तक भजन संगीत का आयोजन होगा। मानसरोवर धौलाई स्थित इस्कॉन मंदिर में सैकडों विदेशी श्रद्धालुओं की मौजूदगी में कृष्ण जन्म होगा। मंदिर से मिली जानकारी के मुताबिक, जन्माष्टमी महोत्सव के अंतर्गत मंदिर में शाम से रात्रि 10 बजे तक भजन संगीत का आयोजन हो रहा है। शुक्रवार सुबह पंचामृत अभिषेक के बाद श्रद्धालुओं को लिए दर्शन खुले रहेंगे। बडी चौपड स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर में जन्माष्टमी पर्व पर खासी सजावट की गई है। चित्रकूट वैशाली नगर स्थित स्वामी नारायण मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी पर्व की धूम है। मंदिर में शुक्रवार शाम को भजन संगीत का आयोजन होगा। मध्य प्रदेश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जा रही है। तमाम मंदिरों मेें आकर्षक झांकियां सजाई गई हैं, पूजा अर्चना का दौर जारी है और वातावरण कृष्ण भक्ति से सराबोर है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। राजधानी भोपाल के मंदिरों में सुबह से ही कृष्ण भक्ति में डूबे भजनों की गूंज सुनाई दे रही है। मंदिरों में आकर्षक सजावट की गई है और कृष्ण की प्रतिमाओं को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। बिरला मंदिर में सुबह से ही श्रद्घालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था और अनुष्ठानों का दौर जारी है। इसी तरह श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर में आकर्षक झांकी बनाई गई है। इंदौर के यशोदा मंदिर में ब़डी संख्या में श्रद्घालु पूजा अर्चना कर रहे हैं। मान्यता है कि इस मदिर में पूजा करने से संतान प्राçप्त की कामना पूरी होती है। यह उन विरले मंदिरों में से है, जहां यशोदा अपनी गोद में कृष्ण के बालस्वरूप को लिए हुए है। जबलपुर के मंदिरों मे भी सुबह से ही कृष्ण की जय-जयकार हो रही है। यहां के पंचनधा मंदिर में विशेष पूजा का दौर जारी है। आकर्षक साजसज्जा की गई है। राज्य में जन्माष्टमी के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पुलिस बल की तैनाती की गई है और वह आने-जाने वालों पर नजर रखे हुए हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित कई शहरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व शुक्रवार को धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस मौके पर राजधानी में कई जगहों पर भव्य झांकियों का आयोजन किया गया है। उत्सव को देखते हुए प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। जन्माष्टमी के मौके पर गृहस्थों के साथ ही साधु संत भी आज व्रत रखेंगे। मंदिरों के साथ शहर में कई जगह कन्हैया का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। अष्टमी और नवमी तिथि पर संशय के चलते अधिकांश गृहस्थों ने गुरूवार को ही जन्माष्टमी मनाई। पंडित कृष्णकंात ने बताया कि इस बार गृहस्थी और वैष्णवों को शुक्रवार रात को रोहिणी नक्षत्र नहीं मिलेगा। रोहिणी नक्षत्र शनिवार 11 अगस्त को सुबह 9.57 बजे के बाद शुरू होगा और यह रविवार 12 अगस्त को 12.31 बजे तक रहेगा। उन्होंने बताया कि कई वषोंü बाद ऎसा हुआ है कि जब श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र का संयोग नहीं है। राजधानी लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, कानपुर, आगरा और कई अन्य शहरों में जन्माष्टमी आज मनायी जा रही है। शुक्रवार को जन्माष्टमी के चलते रिजर्व पुलिस लाइन, महानगर, पीएसी इस्कॉन मंदिर और अहियागंज स्थित बांके बिहारी के मंदिर सहित तमाम मंदिरों और उत्सव स्थलों में तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक जन्माष्टमी के मौके पर एहतियात के तौर पर भीडभाड वाली जगहों पर अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर पटना सहित बिहार के अधिकांश मंदिरों को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। जन्माष्टमी को लेकर बाजारों में भी चहल-पहल देखी जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय श्रीकृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) द्वारा शुक्रवार की रात श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का आयोजन रखा गया है। इस्कॉन पटना के अध्यक्ष श्रीकृष्ण कृपा दासजी ने बताया कि इस मौके पर श्रीकृष्ण लीलामृत की प्रस्तुति की जाएगी। इस्कॉन के श्रद्धालु भक्तों द्वारा भजन-कीर्तन और कई उत्कृष्ट आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यRम पेश किए जाएंगे। पटना के रामजानकी चौराहा स्थित राधा-कृष्ण और भगवान जगन्नाथ मंदिर में जन्मोत्सव की पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। रात में भजन-कीर्तन और भगवान कृष्ण की झांकी की भी तैयारी की गई है। इधर, पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर में गुरूवार से तीन दिवसीय प्रवचन का कार्यRम चल रहा है। इस दौरान रातभर भजन-कीर्तन का दौर चलता रहा है। इसके अलावा राज्य के बक्सर, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, पूर्णिया, औरंगाबाद व मुंगेर सहित कई जिलों में कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। हिंदु धर्म ग्रथों के अनुसार कृष्ण जन्मााष्टमी व्रत की ब़डी महिमा बतायी गई है। पंडित बी$ के$ झा के मुताबिक अष्टमी व्रत रखने से समाज में खुशहाली आती है और व्रती को गोलोक की प्राçप्त होती है। इस दिन भक्त रात-दिन उपवास रखकर भगवान श्रीकृष्ण, यशोदा और वासुदेव की पूजा करते हैं। धर्माचार्यो के मुताबिक पटना एवं आसपास के इलाकों में कई स्थानों पर अष्टमी होने के कारण गुरूवार को भी जनमाष्टमी मनाया गया जबकि रोहिणी नक्षत्र होने के कारण कई जगहों पर इसे शुRवार को मनाया जा रहा है।
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