महंगी पड़ी योगी सरकार की आलोचना, IPS अधिकारी सस्पेंड, अखिलेश भडक़े

By: Team Aapkisaheli | Posted: 25 Mar, 2017

महंगी पड़ी योगी सरकार की आलोचना, IPS अधिकारी सस्पेंड, अखिलेश भडक़े
लखनऊ। यूपी सरकार ने आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार को सस्पेंड कर दिया है। हिमांशु कुमार को अनुशासनहीनता के आरोप में सस्पेंड किया गया है। हिमांशु कुमार ने ट्विटर पर अपने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा खास जाति के अफसरों को टारगेट करने का आरोप लगाया था। यूपी के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी टीवी चैनलों से बातचीत करते हुए इसकी पुष्टि की है कि यह कार्रवाई अनुशासनहीनता के आधार पर ही हुई है।
वहीं, आईपीएस अधिकारी के निलंबन पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भडक़ गए हैं। उन्होंने योगी सरकार पर एक खास जाति के पुलिस अफसरों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है।

अखिलेश ने कहा कि हर कोई जानता है कि एक खास जाति के पुलिसवालों को सस्पेंड या ट्रांसफर किया जा रहा है। अखिलेश का इशारा यादव जाति से ताल्लुक रखने वाले पुलिसवालों की तरफ है। आपको बता दें कि आईपीएस अफसर हिमांशु कुमार ने अधिकारियों पर एक खास जाति के पुलिसवालों को परेशान करने का आरोप लगाया था।
आईपीएस अधिकारी पर उनकी पत्नी की तरफ से दर्ज कराए गए दहेज उत्पीडऩ का मामला भी चल रहा है। हिमांशु इस मुकदमे में वांछित चल रहे हैं। 2 मार्च को उनके खिलाफ बिहार की एक अदालत से वॉरंट जारी हुआ था। हिमांशु कुमार वही आईपीएस अफसर हैं जिन्होंने हाल में ही योगी राज में यादव सरनेम वाले अफसरों को टारगेट करने और उनके ट्रांसफर करने का आरोप लगाया था।

निलंबन पर हिमांशु कुमार ने पहली प्रतिक्रिया ट्विटर पर जताते हुए लिखा है कि विजय सिर्फ सत्य की ही होती है। चुनाव के दौरान ही आईपीएस हिमांशु कुमार को चुनाव आयोग ने फिरोजाबाद से भी हटाया था। हिमांशु कुमार ने 22 मार्च को एक ट्वीट के जरिए यूपी में यादव सरनेम वाले अधिकारियों को टारगेट करने का मुद्दा उठाया था। हिमांशु ने ट्वीट कर कहा था, वरिष्ठ अधिकारियों में यादव सरनेम वाले पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड करने या रिजर्व लाइन भेजने के लिए होड़ मची है।

 बाद में आईपीएस अधिकारी हिमांशु ने अपना ट्वीट हटाते हुए एक दूसरा ट्वीट कर कहा कि लोगों ने उनकी बात को गलत अर्थों में लिया है। उन्होंने कहा, मैं सरकार की पहल का समर्थन करता हूं। इससे पहले भी हिमांशु कुमार अपने ही महकमे के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। 22 मार्च को ही उन्होंने एक और ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने सवाल किया है कि उनके द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर पर डीजीपी ने सही तरीके से जांच क्यों नहीं कराई।

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