6.5-7.5 फीसदी रहेगी मुद्रास्फीति : प्रणव

By: Team Aapkisaheli | Posted: 14 Jun, 2012

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6.5-7.5 फीसदी रहेगी मुद्रास्फीति : प्रणव
नई दिल्ली। मानसून की अच्छी प्रगति से उत्साहित सरकार ने आज कहा कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति करीब 6.5-7.5 फीसद तक सीमित रहेगी पर उसने साथ में आपूर्ति के मार्ग की अडचनों को दूसर करने की जरूरत पर बल दिया है।
 वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि भरोसा है कि पूरे साल मुद्रास्फीति करीब 6.5-7.5 फीसद के आस पास रहेगी। उम्मीद है कि यदि मानसून बहुत बढिया होता है तो संभव है कि ऎसे दबावों से निपटा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को आपूर्ति की बाधाओं (और इससे जुडे मामलों) से निपटना होगा और कोल्ड चेन तथा भंडारण सुविधाएं बढानी होंगी।
मुखर्जी मुद्रास्फीति के ताजा आंकडों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जो मई,12 में में बढकर 7.55 फीसद हो गई। अप्रैल में यह 7.23 फीसद थी। मई में कुल खाद्य मुद्रास्फीति बढकर 10.74 फीसद हो गई जो पिछले महीने 10.49 फीसद थी। इस समय मुद्रास्फीति के उंची होने की मुख्य वजह खाने पीने की चीजों की महंगाई है। मुखर्जी ने कहा कि इनमें से कुछ उत्पाद जो दलहन, सब्जियो जैसे मौसमी हैं। उनकी कीमत बढी है। उन्होंने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति (खाद्य और ईंधन को छोड कर) मई में थोडी बढोतरी के साथ 5.74 फीसद हो गई पर यह दिसंबर के बाद से लगातार गिरावट में थी। दिसंबर 2011 में यह 8.31 फीसद थी।
 विनिर्माण मुद्रास्फीति में थोडी कमी आई और मई में यह 5.02 फीसद थी. अप्रैल में यह 5.12 फीसद थी. मानसूनी बारिश खेती के लिए आवश्यक है क्योंकि देश में सिर्फ 40 फीसद खेती करने योग्य जमीन के लिए ही सिंचाई की स्थायी सुविधा है. सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान सिर्फ 15 फीसद है लेकिन इससे 60 फीसद आबादी को रोजगार मिलता है।
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