उत्तराखंड में बढ़ता साइबर क्राइम बना पुलिस के लिए चुनौती !
By: Team Aapkisaheli | Posted: 21 May, 2022
देहरादून । प्रदेश में दो साइबर थाने और हर जिले में साइबर सेल होने के बावजूद साइबर क्राइम के लंबित मुकदमों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। हर रोज साइबर क्राइम की शिकायतें तो दर्ज होती हैं, मगर इनका पदार्फाश करने और आरोपितों को पकड़ने में पुलिस असफल साबित हो रही है। वजह है प्रशिक्षण और संसाधनों का अभाव। यही वजह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी पुलिसकर्मियों को साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की जांच के लिए विशेष प्रशिक्षण देने की बात कह चुके हैं। एक जनवरी 2021 से 31 मार्च 2022 तक प्रदेश में साइबर क्राइम के 810 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इनमें से 342 का ही पुलिस निस्तारण कर पाई, जबकि 478 मामले लंबित पड़े हैं।
दबिश की नहीं जुटा पाते हिम्मतसाइबर क्राइम में सबसे ज्यादा ठगी के मामले सामने आते हैं। एक पहलू यह भी है कि जिन निरीक्षकों (इंस्पेक्टर) को इन मामलों की विवेचना दी जाती है, उनके पास न तो ऐसे मामलों की जांच का प्रशिक्षण है और न ही अनुभव। ऐसे में साइबर क्राइम के लंबित मामलों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है।
पंजाब से सीख लेने की जरूरतपंजाब और उत्तर प्रदेश में साइबर क्राइम के मुकदमों की विवेचना के लिए अलग सेल है। इस सेल में तैनात इंस्पेक्टर से लेकर कांस्टेबल तक साइबर ठगी समेत अन्य साइबर क्राइम की जांच में निपुण हैं। उत्तराखंड में जिन अधिकारियों और कर्मचारियों को जमीनी स्तर पर कार्रवाई करनी है, उन्हें आइटी एक्ट की जानकारी तक नहीं।
एक इंस्पेक्टर के पास आइटी एक्ट के 30 से अधिक केससाइबर क्राइम के सबसे ज्यादा मामले देहरादून और ऊधमसिंह नगर जिले में लंबित हैं। देहरादून की बात करें तो यहां नेहरू कालोनी, पटेलनगर, वसंत विहार व रायपुर ऐसे थाना/कोतवाली हैं, जिनमें 25 से 30 केस लंबित चल रहे हैं। यही हाल ऊधमसिंह नगर जिले में भी है।
खास भी हो रहे ठगी के शिकारराज्य में पुलिस अधिकारी, चिकित्सक, विज्ञानी आदि भी ठगी के शिकार हो रहे हैं। साइबर ठगों की हिम्मत इतनी बढ़ चुकी है कि वह प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के नाम से भी ठगी की कोशिश कर चुके हैं।
वर्ष 2021 से अब तक प्रदेश में दर्ज हुए साइबर क्राइम के मुकदमे
जिला-दर्ज मुकदमे- लंबित मुकदमेऊधमसिंह नगर- 239- 150
देहरादून- 298- 147
हरिद्वार-64- 36
नैनीताल- 42- 19
अल्मोड़ा- 19- 11
पौड़ी-19- 03
चम्पावत- 20- 02
बागेश्वर- 10- 03
उत्तरकाशी- 08- 05
रुद्रप्रयाग-04- 01
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक साइबर ठगी से जुड़े केसों की विवेचना इंस्पेक्टरों के साथ-साथ दारोगा स्तर से करवाने का भी प्रविधान होना चाहिए। इसके लिए सरकार को पत्र भी लिखा है। एक थाने व कोतवाली में एक ही इंस्पेक्टर होता है, ऐसे में बढ़ रहे साइबर केस के चलते उनके ऊपर बोझ बढ़ रहा है।
--आईएएनएस
बॉलीवुड सेलिब्रिटीज सफेद रंग के लिबास में
घरेलू उपाय से रखें पेट साफ
ये बातें भूल कर भी न बताएं गर्लफ्रेंड को...