फिल्म हिट तो नहीं पीटती ढिंढोरा और असफल होने पर नहीं मनाती मातम:सोनाक्षी

By: Team Aapkisaheli | Posted: 16 Apr, 2017

फिल्म हिट तो नहीं पीटती ढिंढोरा और असफल होने पर नहीं मनाती मातम:सोनाक्षी
नई दिल्ली। अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा का कहना है कि वह सफलता और असफलता को समान रूप से देखती हैं और इनमें से किसी से प्रभावित नहीं होतीं। सोनाक्षी ने कहा कि जब उनकी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल होती है, तो वह इसका ढिंढोरा नहीं पीटतीं और जब फिल्म असफल होती है तो अंधेरे कोने में बैठकर मातम नहीं करतीं। अभिनेत्री ने अपनी आगामी फिल्म ‘नूर’ के प्रचार के दौरान  कहा, ‘‘मेरी परवरिश इस तरह से हुई है कि मैं सफलता और असफलता को समान रूप से देखती हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘किसी ने कहा है कि असफलता की तुलना में सफलता लोगों को अधिक बर्बाद करती है। इसलिए गलतियों से सीखना जरूरी है न कि उसके बारे में सोचते रहना। जब मुझे अधिक सफलता मिलती है तो मैं छत पर जाकर चिल्लाती नहीं हूं कि मेरी फिल्म हिट हो गई और असफल होने पर मैं कोने में जाकर रोती नहीं हूं।’’ सोनाक्षी ने कहा, ‘‘आपको आगे बढऩा चाहिए और अगली फिल्म करनी चाहिए।’’

अभिनेता से राजनीतिज्ञ बने शत्रुघ्न सिन्हा और पूनम सिन्हा की 29 वर्षीया बेटी सोनाक्षी ने सलमान खान अभिनीत फिल्म ‘दंबग’ के साथ करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने ‘राउडी राठौर’ और ‘हॉलीडे: ए सोल्जर इज नेवर ऑफ ड्यूटी’ जैसी हिट फिल्मों में काम किया। उन्होंने ‘लुटेरा’ जैसी लीक से हटकर बनी फिल्म में भी काम किया। उनकी आगामी फिल्म ‘नूर’ 21 अप्रैल को रिलीज हो रही है। इसमें वह एक पत्रकार बनी हैं। सोनाक्षी का कहना है कि उनकी पिछली फिल्मों के काम के कारण ही आज उन्हें फिल्मों में मुख्य भूमिका मिल रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘बॉलीवुड की यात्रा महान रही है। कुछ शुरुआती भूमिकाओं की वजह से मेरी आज यह स्थिति बनी कि ‘अकीरा’ जैसी फिल्म मुझे मुख्य किरदार के साथ मिली, जो फिल्म मेरे किरदार पर ही निर्भर थी। मैंने दो शीर्ष भूमिकाएं निभाईं है और यह करना उत्साहजनक रहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो पिछली फिल्मों की वजह से मेरी वर्तमान स्थिति है, जिससे मैं ‘नूर’ जैसी फिल्म कर सकी।’’ सुन्हिल सिप्पी द्वारा निर्देशित क्राइम थ्रिलर-कामेडी फिल्म, सबा इम्तियाज के पाकिस्तानी उपन्यास ‘कराची, यू आर किलिंग मी!’ पर आधारित है।

यह उपन्यास 20 वर्षीय संवाददाता आयशा खान की जिंदगी के इर्द-गिर्द घूमता है। आयशा कराची में रहती हैं। जिंदगी में उतार-चढ़ाव का सामना करती हैं और एक अच्छे प्रेमी की तलाश में लगी रहती है। फिल्म ‘नूर’ की पृष्ठभूमि कराची से बदलकर मुंबई कर दी गई है।


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