सिनेमा के माध्यम से सकारात्मकता फैलाना चाहता हूं: धनुष

By: Team Aapkisaheli | Posted: 18 , 2017

सिनेमा के माध्यम से सकारात्मकता फैलाना चाहता हूं: धनुष
चेन्नई। अपने 17 साल लंबे करियर में अभिनेता धनुष ने एक विमुख कलाकार से लेकर एक बहुआयामी कालाकार तक का सफर तय किया है। अपनी नई तमिल फिल्म ‘वीआईपी 2’ की सफलता से खुश धनुष ने कहा कि वह अपनी फिल्मों से सकारात्मकता, प्रेम और उम्मीद फैलाना चाहते है।

धनुष ने याद किया, ‘‘16 वर्ष की आयु में मुझे मेरे पिता ने अभिनय की दुनिया में धकेला। मैं एक्टर बनने योग्य नहीं था। मेरे दिल में कुछ और करने की इच्छा थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मै इतना आगे पहुंचूंगा। इससे मुझे आश्चर्य होता है।’’

धनुष ने 2002 में अपने पिता कस्तूरी राजा की फिल्म ‘थुल्लुवाथो इलमई’ से तमिल फिल्मों में पर्दापण किया था।

धनुष ने यहां आईएएनएस से साक्षात्कार में कहा ‘‘मैं एक कच्ची धातु की तरह था। मेरे पिता और मेरे भाई ने मुझे निखारा और मुझे अभी भी समझ नहीं आता कि उन्होंने मेरे अंदर ऐसा क्या देखा जो मैं खुद नहीं देख सका। मैं अपने आप को बहुत भाग्यशाली मानता हूं क्योंकि मेरे पेशे से मुझे पहचान मिली।’’

धनुष ना सिर्फ एक अभिनेता बल्कि एक लेखक, निर्देशक और गायक के रूप में भी विकसित हुए हैं।

लेखकों और निर्देशकों के परिवार से आने वाले धनुष की हमेशा से लेखन में रुचि थी।   

हिंदी फिल्मकार राजकुमार हिरानी के बहुत बड़े प्रशंसक धनुष ने कहा, ‘‘मैं पिछले एक दशक से लिख रहा हूं, लेकिन शुरू में मेरा काम अपरिपक्व था। मैंने यह कला विभिन्न निर्देशक ों के साथ काम करने के दौरान सीखी। 2010-11 में मैंने लेखन को गंभीरता से लिया और पूरी कथा, पटकथा और संवाद लिखने लगा।

धनुष द्वारा निर्देशित फिल्म ‘पावर पंडी’ ने इस साल बॉक्स ऑफिस पर खूब कामयाबी बटोरी।

अपनी लेखनी के बारे में धनुष ने कहा कि वह असल जीवन से प्रेरणा लेते हैं।

‘वीआईपी 2’ की कुछ आलोचकों द्वारा आलोचना पर धनुष ने कहा, ‘‘पावार पंडी को श्रोताओं और आलोचकों ने खूब सराहा। जब मैं वो स्वीकार कर सकता हूं तो ‘वीआईपी 2’ को मिलने वाली मिश्रित प्रतिक्रियाएं भी स्वीकार कर सकता हूं। कभी आलोचक सही हो सकते हैं, तो कभी दर्शक भी सही हो सकते हैं।’’

‘इनाई नोकी पायम ठोटा’, ‘मारी 2’ और ‘वाडा चेन्नई’ जैसे कई प्रोजेक्ट के साथ-साथ धनुष अगले साल आनंद एल.राय के  साथबॉलीवुड में काम करने को लेकर काफी उत्साहित हैं।

2013 में अपनी डेब्यू हिंदी फिल्म ‘रांझना’ के लिए उन्हें बेस्ट डेब्यू का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था।

बॉलीवुड में अपने काम के बारे में धनुष ने कहा, ‘‘मैं अपने करियर के बारे में पहले से कुछ तय नहीं करता और चीजों को प्राकृ तिक रूप से घटित होने देता हूं। आप सही समय पर सही जगह, सही लोगों के पास मौजूद होने चाहिए।’’

धनुष ने अपनी हॉलीवुड फिल्म ‘द एक्सट्राआर्डिनरी जर्नी आफ द फकीर’ के बारे में कहा, ‘‘मैंने इस फिल्म से पहले हॉलीवुड के तीन प्रोजेक्ट ठुक रा दिए थे। मुझे इस फिल्म की कहानी काफी पसंद आई। मैंने इस फिल्म में एक जादूगर का किरदार निभाया है, यह फिल्म काफी सकारात्मकता फै लाती हैं।
(आईएएनएस)


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