मैंने भारत में कभी भी बाहरी जैसा महसूस नहीं किया : अनुषा

By: Team Aapkisaheli | Posted: 03 Jun, 2018

मैंने भारत में कभी भी बाहरी जैसा महसूस नहीं किया : अनुषा
बोगमालो (गोवा)। वर्ष 2002 में ऑस्ट्रेलिया से मुंबई शिफ्ट हुईं लोकप्रिय वीजे अनुष्का दांडेकर ने कहा कि उन्हें देश में कभी भी बाहरी (आउटसाइडर) जैसा महसूस नहीं किया, लेकिन भाषा मेरे लिए यहां की एक बहुत बड़ी बाध्यता रही।

अनुषा ने अप्रैल में ट्वीट किया था कि जब वह ऑस्ट्रेलिया से भारत आई थी, तो उसे ‘विदेशी’ समझकार हरकुछ के लिए अतिरिक्त मूल्य लिया गया।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह अभी भी अपने आप को बाहरी समझती हैं, पर अनुषा ने आईएएनएस से कहा, ‘‘नहीं, इतना नहीं। मुझे मेरी उच्चारण की वजह से हमेशा एनआरआई की तरह समझा गया। शुरुआत में, मेरे साथ सबका व्यवहार काफी अच्छा था, इसके बावजूद भी यह मेरे लिए काफी कठिन था। मेरे लोगों के साथ कभी खराब अनुभव नहीं रहा है.....मेरा यहां के परिवेश में ढलना और यहां के लोगों को यह एहसास दिलाना कि मैं ‘देसी गर्ल’ हूं, काफी  मुश्किल रहा।’’

36 वर्षीय टीवी होस्ट ने कहा कि जब वह ऑस्ट्रेलिया में थी तो वह एक बाहरी की तरह महसूस करती थी।

उन्होंने कहा, ‘‘जब वहां होते हैं तो आप यह नहीं जान पाते कि कौन ऑस्ट्रेलियाई है और कौन भारतीय है। जब आप घर आते हो तो आप ‘देसी’ गर्ल होते हो और जब आप घर से बाहर जाते हो तो अपने आप को आस्ट्रेलियाई दिखाने का प्रयास करते हो।’’

अनुषा ने कहा ऑस्ट्रेलिया में सबसे बेहतरीन चीज जो मैंने सीखी वह ‘मुक्त रहना है।’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब मैं यहां (भारत) आई थी, मुझे महसूस हुआ कि मैं घर में हूं। मुझे यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है कि मेरी संस्कृति क्या है। मुझे बस महसूस हुआ कि हिंदी के स्तर पर भाषा की बाध्यता मेरी लिए बड़ी मुश्किल थी।’’

अनुषा ने कहा कि वह धाराप्रवाह मराठी बोल सकती हैं।

अनुष्का फिलहाल अपने बॉयफ्रेंड और टीवी अभिनेता करन कुंद्रा के साथ एमटीवी के कार्यक्रम ‘लव स्कूल’ के तीसरे संस्करण को होस्ट कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि करन के साथ काम करने से करन के साथ उनका रिश्ता और मजबूत हुआ है।

अनुषा ने वर्ष 2003 में अपने बॉलीवुड कैरियर की शुरुआत ‘मुंबई मैटिनी’ से की थी और उसके बाद उन्होंने ‘विरुद्ध’ और ‘एंथोनी कौन है?’ जैसी फिल्में की।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह और फिल्में करेंगी? उन्होंने कहा, ‘‘मैं जो करती हूं, उससे मैं प्यार करती हूं और मुझे ‘दिल्ली बेली’ में शानदार भूमिका मिली थी। यह मेरे लिए बहुत मजेदार था। मुझे अभिनय करने से प्यार है, लेकिन मैं जब यहां आई, दुर्भाग्य से एनआरआई का टैग अपने साथ लेकर आई। मैं अपने आपको इस तरफ मोड़ नहीं पाई, क्योंकि हिंदी मेरी पहली भाषा नहीं है और मुझे इसका सामना करने में डर लगता था।’’
(आईएएनएस)

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