हाइजीनक टिप्स अपनाएं और रहें फिट

By: Team Aapkisaheli | Posted: 25 Jun, 2012

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हाइजीनक टिप्स अपनाएं और रहें फिट
बच्चो को अगर शुरू से ही हाइजीन का महत्व समझा दिया जाए तो उनका आने वाला कल स्वस्थ रह सकता है। हाइजीन की समस्या सिर्फ एक घर में ही नहीं बल्कि हमारे आसपास रहने वाले अधिकतर बच्चो में इस तरह की समस्या देखने को मिलती हैं, बच्चो बहुत जल्दी कम उम्र से ही व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में सीखते हैं, स्पष्ट रूप से व्यक्तिगत स्वच्छता माता-पिता के द्वारा ही सिखाया जाता है या यह स्वाभाविक रूप से आता है। स्वच्छता की जरूरत सिर्फ हमारे शरीर के लिए ही सीमित नहीं है, यह हमारे परिवेश में भी अच्छी तरह शामिल होनी चाहिए। आप घर को हाइजीनयुक्त करने व साफ सफाई के लिए स्प्रे करती हैं, ऎटीबैक्टीरियल साबुन व अन्य उत्पादों जैसे, फिनायल आदि का इस्तेमाल करती हैं ताकि कीडे मर जाएं और आपका घर फ्रेश रहे, ये आपका तरीका एकदम ठीक है, लेकिन क्या आपको ऎसा नहीं लगता कि अपने बच्चो को स्वस्थ और साफ रखने के लिए आप को उसे हाइजीन के सही तरीके बताने चाहिए, जिससे वह स्वस्थ रह सके।
स्वच्छता की शिक्षा
1-बच्चो में हमेशा एक दिन में दो बार दांत ब्रश करने की आदत डालें, दन्त स्वास्थ्य बहुत जरूरी है अगर बच्चा छोटा है और वह स्वयं दांत साफ नहीं कर सकता है तो दिन में एक बार खुद अपने नन्हे-मुन्हें के दांत टूथब्रश से जरूर साफ करें। अगर दांतो को ठीक से साफ नहीं किया तो दांत आसानी से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। जब बच्चाा बडा हो जाए तो उन्हें यह भी सिखायें कि वे दांत साफ करते समय जीभ की सफाई बिलकुल ना भूलें। उन्हें बताएं कि जीभ की सफाई ना करने से उनके मुंह से दुर्गंध आने लगेगी और उनके सारे दोस्त उनसे बात करना बंद कर देंगे।
2- हमेशा दिन में एक बार या हो सके तो दो बार जरूर नहाएं, क्योंकि शहरों में प्रदूषण और नमी की अधिकता के कारण शरीर पर बैक्टेरिया जमा हो जाता है। इसलिए नियमित स्त्रान अति आवश्यक है।
3- गरमी के मौसम में तो बच्चो जब बाहर खेलने जाते हैं तो उनके अंदरूनी कपडों से भी पसीने की वजह से बदबू आने लगती है। कुछ बच्चो मां के कहने पर बाहरी कपडे तो बदल लेते हैं, लेकिन अंदरूनी कपडों पर ध्यान ही नहीं देते। अपने बच्चो में अंदरूनी कपडे बदलने की आदत भी डालें।
4- यदि आपने अपने बच्चो को रोजाना कंघी करना सिखा दिया है तो सप्ताह में एक बार से ज्यादा उसके बाल धोने की जरूरत नहीं पडेगी। उसके बालों में माइल्ड शैंपू ही लगाएं। जो विशेष तौर पर बच्चो के लिए ही बनाया जाता है। कई उत्पादों में केश सुलझाने के एजेंट्स होते हैं। इनके प्रयोग के बाद बालों में कंघी करना आसान हो जाता है। जिन बच्चो के बाल अधिक घुंघराले होते हैं उनके बालों में कुछ ज्यादा ही कंडीशनिंग की जरूरत होती है। ताकि कंघी करते समय उनके बाल टूटें नहीं। घुƒंाराले बालों में रूसी को कम करने के लिए और बालों को कंट्रोल रखने के लिए बादाम और नारियल तेल का इस्तेमाल सप्ताह में 1-2 लगा सकती हैं। नियत समय पर बालों का कटना भी जरूरी है। यह नियत समय 4-6 सप्ताह के बीच हो सकता है। लडकियों के लंबे बालों को भी कुछेक महीने में ट्रिमिंग करानी चाहिए, तभी बाल स्वस्थ रह सकते हैं।
5- रोगाणु सबसे ज्यादा हाथों द्वारा ही फैलते हैं। इसलिए घर के हर सदस्य को हाथ धोने की महत्ता का पता होना चाहिए। बच्चो हाथ पर छींकने और फिर तुंरत बिस्कुट के डब्बे या अन्य खाने-पीने की चीजों तक पहुंचने में देर नहीं लगाते हैं। इसलिए उन्हें यह समझाना आपका काम है कि खाना या स्त्रैक्स खाने से पहले और बाद, बाहर से आने के बाद बाथरूम के प्रयोग के बाद, पालतू जानवर से खेलने के बाद और नाक साफ करने के बाद हाथ धोना सबसे ज्यादा जरूरी है। इसके लिए आप चाहे तो बच्चो को हैंड सैनिटीइजर खरीद कर दें या उसे ऎंटीबैक्टीरियल साबुन से हाथ पानी से हाथ धोना पर्याप्त है। साबुन से हाथ धोते समय बस यह ध्यान रखना चाहिए कि हाथ में साबुन का झाग बन जाए और हाथ उस के साफ होने तक पानी के नीचे रहें। इसके बाद बच्चो को बताइए कि उसे साफ और सूखे तौलिए से हाथ पोंछने हैं।
6-जब आप का दुलारा छोटा था, तब उसके पसीने की गंध इतनी नहीं आती थी लेकिन अब आपका बच्चा किशोरवस्था में कदम रख चुका है यही वह दौर होता है जब हारमोनल बदलाव उसके शरीर में हो रहे होते हैं। इस वजह से उसके शरीर से बदबू सी आने लगती है। इसके साथ ही उसके पैरों से भी बदबू आने लगती है। इसकी वजह है कि मिट्टी लगे जूते पहनना। ध्यान यह रखना चाहिए जूतों में हवा का आवागमन बिना किसी रूकावट के होना चाहिए ताकि पैर सूखे रहें और बैक्टीरिया, फंगस आदि ना पनप सके।
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