झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य के हेमंत बने नायक
By: Team Aapkisaheli | Posted: 23 Dec, 2019
नई दिल्ली। झारखंड विधानसभा के चुनाव परिणामों से स्पष्ट है कि झारखंड
मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की अगुवाई वाले गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख
रहा है और हेमंत सोरेन, झारखंड का अगला मुख्यमंत्री बनने की ओर अग्रसर हैं।
वह अपने राजनीतिक करियर में दूसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगे। 2019 के चुनाव
में सोरेन अपनी राजनीतिक पार्टी के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए लड़ रहे
थे। एग्जिट पोल ने त्रिशंकु विधानसभा का अनुमान जताया था, लेकिन सोरेन
मतदाताओं को झामुमो की तरफ खींचने में कामयाब रहे, खास तौर से जनजातीय
क्षेत्र में।
कांग्रेस ने झारखंड में झामुमो अध्यक्ष को समर्थन दिया
और खुद पीछे रही, यानी नेतृत्व सोरेन ने किया। पार्टी के झारखंड प्रभारी
आर.पी.एन.सिंह ने रांची में शुक्रवार को कहा था कि हेमंत सोरेन गठबंधन के
लिए मुख्यमंत्री के तौर पर पहली और आखिरी पसंद हैं।
झारखंड के
कांग्रेस प्रभारी आर.पी.एन. सिंह ने मीडिया से कहा, इसमें कोई संदेह नहीं
है। हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री होंगे। हमने उन्हें (सोरेन) भरोसा दिया है।
झामुमो
कांग्रेस की मदद से अल्पसंख्यक वोटों को अपने पक्ष में करने में कामयाब
रहा और झारखंड विधानसभा में महागठबंधन की कुल सीटों को बढ़ाने में भी उसकी
मदद मिली। झामुमो के संस्थापक शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन ने भाजपा के
प्रचार अभियान से स्थानीय मुद्दों को दरकिनार नहीं होने दिया।
हेमंत
सोरेन के प्रयासों को सफलता मिली और झारखंड विधानसभा चुनाव में वह पूरी
तरह से एक नायक के तौर पर उभरे। हेमंत के पिता शिबू राज्य के तीन बार
मुख्यमंत्री रह चुके हैं। एक बार तो वह सिर्फ 10 दिनों के लिए मुख्यमंत्री
बने थे। (आईएएनएस)
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