मेरे बीते दिनों से प्रेरित होती हैं मेरी फिल्में : हबीब फैजल

By: Team Aapkisaheli | Posted: 11 May, 2012

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मेरे बीते दिनों से प्रेरित होती हैं मेरी फिल्में : हबीब फैजल
हबीब ने वर्ष 1992 में सहायक निर्देशक के तौर पर बॉलीवुड में कदम रखा था। वर्ष 2000 के दशक में उन्होंने आदित्य चोपडा के लिए सलाम नमस्ते, झूम बराबर झूम और ता रा रम पम की कहानियां लिखी थी।

यह सारी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से असफल रही थीं। इसके बावजूद हबीब फैजल ने हिम्मत नहीं हारी और अपना लेखन कार्य जारी रखा। वर्ष 2010 में उन्होंने अपनी लिखी कहानी पर स्वयं निर्देशक बनने का जिम्मा उठाया ऋषि कपूर नीतू कपूर को लीड पेयर में लेकर उन्होंने दो दूनी चार नामक फिल्म का निर्देशन किया। कमाल की कथा पटकथा व बेहतरीन निर्देशन के साथ इस फिल्म ने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया। फिल्मों में आने से पहले हबीब एक समाचार चैनल के लिए कैमरामैन का काम करते थे। उनका कहना है कि उनकी फिल्में जो उन्होंने देखा और अनुभव किया, उसी से प्रेरित होती हैं। भोपाल मूल के रहने वाले मध्यमवर्गीय हबीब फैजल ने अपनी कलम के साथ ही सिनेमाई माध्यम की गहरी पकड साबित करते हुए बॉलीवुड को दो दूनी चार जैसी क्लासिक फिल्म दी है। इस शुक्रवार उनकी इशकजादे का प्रदर्शन हुआ है जो उन्होंने बॉलीवुड के नामचीन बैनर वाईआरएफ के लिए लिखी व निर्देशित की है। इस फिल्म की पटकथा लिखने में आदित्य चोपडा ने उनकी मदद की है। हबीब ने अपनी फिल्म में नए चेहरों को मौका दिया है।

बोनी कपूर के पुत्र अर्जुन कपूर इस फिल्म के जरिए अपना करियर शुरू करने जा रहे हैं। उनके साथ हैं प्रियंका चोपडा की चचेरी बहन परिणीती चोपडा जो यशराज बैनर के साथ इससे पहले लेडिज वर्सेज रिक्की बहल में काम कर चुकी हैं और इसके लिए पुरस्कार भी प्राप्त कर चुकी हैं। उन्होंने कहा, कहानी लिखने के बाद जब आदित्य और मैं कलाकारों के बारे में सोच रहे थे, तो इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि हमें नये चेहरों की जरूरत है क्योंकि अगर हम स्थापित कलाकारों को लेते, तो हो सकता था कि हम इस काल्पनिक शहर अल्मोर का निर्माण नहीं कर पाते।

इस फिल्म में अर्जुन और परिणीत के साथ ही शेष सारे कलाकार भी नए हैं। अपने निर्देशन में बनी पहली फिल्म दो दूनी चार के राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने के बावजूद हबीब की माने तो विपणन की कमी की वजह से इस फिल्म को खासा नुकसान उठाना पडा। इस बारे में उनका कहना है कि फिल्म एक उत्पादन है, जिसे आप बनाते हैं और अगर आप विपणन नहीं करेंगे तो लोगों को उसके बारे में पता कैसे चलेगा। दो दूनी चार को विपणन की कमी का सामना करना पडा। मैंने इसे एक मुख्यधारा की फिल्म के जैसे ही बनाया था।
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