गुजरात पुलिस के लिए जी का जंजाल बना एक कबूतर

By: Team Aapkisaheli | Posted: 28 Mar, 2015

गुजरात पुलिस के लिए जी का जंजाल बना एक कबूतर
नई दिल्ली। गुजरात पुलिस प्रदेश के समुद्र तट पर एक कबूतर को देखकर उस समय हरकत में आ गई जब पक्षी पर एक चिप लगा और उसके पंखों पर अरबी भाषा में "रसूल-अल-अल्लाह" लिखा पाया गया। इस संबंध में तुरंत केंद्रीय गृहमंत्रालय को भी आगाह किया गया। अधिकारियों ने शुRवार को बताया कि गुजरात सरकार ने एक संदेश में केन्द्रीय गृह मंत्रालय को इस घटना से अवगत करा दिया है। कबूतर को पहली बार 20 मार्च को सलाया एस्सार जेट्टी से करीब पांच समुद्री मील दूर देखा गया।

गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले में इस जेट्टी का निर्माण चल रहा है। जेट्टी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों में से एक ने देखा कि कबूतर के एक पंजे में इलेक्ट्रॉनिक चिप है, तो दूसरे में बंधे छल्ले पर "28733" लिखा हुआ है। कबूतर के पंखों पर अरबी भाषा में "रसूल-अल-अल्लाह" और चिप पर "बेंजिंग डुअल" लिखा हुआ है। जेट्टी पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने अगले दिन इसकी सूचना तटरक्षक बल को दी और आगे की जांच के लिए कबूतर उन्हें सौंप दिया। तटरक्षक ने दो दिन बाद स्थानीय पुलिस को सूचित कर प्राथमिकी दर्ज करवाई।

जिला पुलिस ने कबूतर के पंजों से चिप और छल्ला दोनों निकाल कर उन्हें गांधीनगर स्थित फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। गुजरात वन विभाग के अधिकारियों को भी इस कबूतर पर जानकारी पाने के लिए बुलाया गया। जानकारी के मुताबिक इस प्रजाति के कबूतर उत्तर भारत में मिलते हैं और विदेशों, विशेष तौर से ख़ाडी देशों में इनका इस्तेमाल "कबूतर दौड" में होता है। जांच में पता चला है कि "बेंजिंग डूअल" शब्द का उपयोग कुछ अन्य देशों में कबूतरों की दौ़ड के लिए भी होता है।

गुजरात पुलिस की प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार माना जा रहा है कि कबूतर किसी जहाज से उडा होगा और गलती से भटकते हुए पेयजल की तलाश में सलाया एस्सार जेट्टी पहुंच गया। हांलाकि कोई भी खतरा मोल नही लेने के लिहाज से गुजरात सरकार ने इसकी पूरी सूचना केंद्रीय गृह मंत्रालय को दे दी है।

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