पिता के बिना अस्तित्व अधूरा

By: Team Aapkisaheli | Posted: 17 Jun, 2012

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पिता के बिना अस्तित्व अधूरा
कहते हैं, मां के चरणों में स्वर्ग होता है, मां बिना जीवन अधूरा है लेकिन अगर मां जीवन की सच्चाई है तो पिता जीवन का आधार, मां बिना जीवन अधूरा है तो पिता बिना अस्तित्व अधूरा। जीवन तो मां से मिल जाता है, लेकिन जीवन की मुश्किलों से निपटना पिता से ही आता है। जिन्दगी की सच्चाई के धरातल पर जब बच्चाा चलना शुरू करता है तो उसके कदम कहां पडे, कहां नहीं यह समझाने का काम पिता ही करते हैं। दुनिया भर की समस्याओं से अपने बच्चो को निकालने का काम एक पिता ही कर सकता है। अगर पिता पास है तो किसी बच्चो को असुरक्षा महसूस नहीं होती। पिता एक वट वृक्ष है जिसके पास खडे होकर बडी से बडी परेशानी छोटी हो जाती है। मुश्किल पलों में वे अपने बच्चों के लिए हमकदम के रूप में सामने आते हैं जो दोस्त से कहीं बढकर होता है।
एक ऎसा शक्स जिसकी छांव में खडे होकर बच्चे स्वयं को उसी तरह सुरक्षित समझते हैं जिस तरह एक भक्त अपने भगवान के चरणों में खडा होता है। कहने का तात्पर्य दुनिया भर की मुश्किलों का सामना करने के लिए बच्चों के सामने समाधान के रूप में उनका पिता ही होता है जो किसी सुपर मैन से कम नहीं होता। हर बच्चा यह समझता है कि मेरी हर समस्या मेरा पिता हल कर सकता है। बच्चों की यही भावना पिताओं में एक ऎसा जोश और जुनून पैदा करती है जिसके चलते वह अपने बच्चों के लिए उस नीम की तरह खडा नजर आता है जो छांव तो देता है लेकिन फल कडवा होता है। अर्थात् बच्चों की गलतियों को सुधारता तो है लेकिन उन्हें इस बात का अहसास भी करवाता है कि उसने कहां और कैसे गलती की है।
लडके जहां अपने मां को अपना दोस्त मानकर व्यवहार करते हैं, वहीं लडकियां अपने पिता को अपना दोस्त मानकर उनके साथ अपनी हर वो बात शेयर करती हैं जिन्हें शायद उन्हें उनके साथ नहीं करनी चाहिए। जिस तरह उसके पिता उसके पास होते हैं तो उसे भरोसा होता है कि कोई भी नापाक इरादे उसे छू नहीं सक ते उसे अपनी सुरक्षा और कभी ना टूटने वाले भरोसे पर गर्व होता है इसलिए वो जब भी अपने जीवनसाथी के बारे में सोचती है तो उसकी कल्पनाओं में उसके पिता जैसी ही कोई छवि होती है। जबकि हर बेटी की ख्वाहिश होती है कि वो कुछ ऎसा करे जिससे उसके पिता का सीना गर्व से चौडा हो जाए। उसकी मुस्कुराहट और आंखों की चमक सिर्फ और सिर्फ अपने पिता के लिए होती है। उसकी पहली कामयाबी तब तक अधूरी होती है जब तक उसके पिता आकर उसकी पीठ नहीं थपथपाते हैं। अक सर बाप-बेटे एक-दूसरे से भावनाओं का आदान-प्रदान नहीं करते हैं लेकिन सबको पता है दोनों ही के दिल में प्रेम का अनुपम समन्दर होता है। कभी उस पिता की आंखों में झाकने की कोशिश कीजिए, जब उसका बेटा उसके सामने अपनी पहली कमाई लेकर आता है।
इसलिए तो कहते है कि पिता का कर्ज आप तब ही चुका सकते हैं जब आप जैसे ही किसी नन्हें प्राणी को धरती पर लाते हैं। कवि मिरीराज जोशी ने कहा है- पापा, मुझे लगता था, मां ने मुझे अपार स्नेह दिया आपने कुछ भी नहीं, आप मुझसे प्यार नहीं करते थे। मगर पापा, आज जब जीवन की, हर छोटी-बडी बाधाओं को, आपके वे लम्बे-लम्बे भाषण हल कर देते हैं, मैं प्यार की गहराई जान जाता हँू... तो चलिए देर किस बात की है इस आने वाले फ्रादर्स डे पर उनके लिए कुछ खास कीजिये जो आपके पिता के दिल को एक बार फिर से छू जाए... जाईए अपने पिता के पास और चरण स्पर्श करके अपने आपको धन्य कीजिए और जीवन की सच्चााई से रूबरू करने के लिए उन्हें तहे दिल से धन्यवाद दीजिये। हैप्पी फ्रादर्स डे।
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