महंगे प्याज से दिसंबर तक राहत मिलने के आसार कम, आलू के भाव गिरे

By: Team Aapkisaheli | Posted: 23 Nov, 2020

महंगे प्याज से दिसंबर तक राहत मिलने के आसार कम, आलू के भाव गिरे
नई दिल्ली। विदेशों से प्याज का आयात कमजोर पड़ जाने से दाम में एक बार फिर तेजी देखी जा रही है जबकि राजस्थान से लोकल प्याज की आवक जोरों पर है। देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार को प्याज का खुदरा भाव 50 से 70 रुपये प्रति किलो चल रहा है जबकि थोक भाव 15 रुपये से 47.50 रुपये प्रति किलो था जो कि दिवाली से पहले 42 रुपये प्रति किलो तक गिर गया था।

कारोबारियों की मानें तो दिसंबर से पहले महंगे प्याज से राहत मिलने के आसार कम है। हालांकि इस बीच राहत की बात है कि आलू की नई फसल की आवक बढ़ने से दाम में नरमी आई है।

प्याज के दाम में दोबारा तेजी की वजह आयात में कमी बताई जा रही है, जबकि राजस्थान से नये प्याज की आवक जोरों पर है और संपूर्ण उत्तर भारत समेत देश के अन्य हिस्सों में भी राजस्थान का प्याज इस समय जा रहा है।

कारोबारी बताते हैं कि बीते दिनों देश में प्याज का भाव घटने और लोकल प्याज की आवक बढ़ने से आयात की रफ्तार सुस्त पड़ गई।

हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित शाह ने बताया कि विदेशों से प्याज आना बंद नहीं हुआ है, लेकिन कम जरूर हो गया है। उन्होंने बताया कि इस सप्ताह भी तुर्की से प्याज आया है। उन्होंने कहा कि इस समय राजस्थान से प्याज की आवक जोरों पर है, इसलिए घरेलू खपत की भरपाई हो रही है, लेकिन कीमतों में नरमी तभी आएगी जब नासिक का नया प्याज बाजार में उतरेगा। उन्होंने बताया कि नासिक के पुराने प्याज का जो स्टॉक था वह समाप्ति पर है, इसलिए अभी दाम में बहुत गिरावट की गुंजाइश नहीं दिख रही है। शाह की मानें तो दिसंबर से पहले प्याज के दाम में ज्यादा गिरावट नहीं होगी।

दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव सोमवार को 15 रुपये से 47.50 रुपये प्रति किलो था जबकि दिल्ली-एनसीआर में प्याज का खुदरा भाव 50 से 70 रुपये किलो था। वहीं, आलू का थोक भाव 20 से 36 रुपये प्रति किलो था। वहीं, खुदरा आलू 50 रुपये से कम भाव पर मिलने लगा है।

आजादपुर मंडी के कारोबारी व पोटैटो एंड ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा ने कहा कि राजस्थान से इस समय प्याज की आवक जोरों पर है फिर भी दाम में कोई गिरावट नहीं देखी जा रही है, और देश के अन्य भागों से अभी प्याज की नई फसल की आवक शुरू होने में देर है, इसलिए आयात नहीं होने की सूरत में प्याज के दाम में आगे तेजी देखने को मिल सकती है।

बता दें कि प्याज के दाम को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने 14 सितंबर को प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी। इसके बाद 23 अक्टूबर को थोक एवं खुदरा व्यापारियों के लिए प्याज का स्टॉक रखने की सीमा तय कर दी गई, जिसके अनुसार खुदरा कारोबारी अधिकतम दो टन और थोक व्यापारी अधिकतम 25 टन प्याज का स्टॉक रख सकता है। सरकार ने 31 दिसंबर, 2020 तक की अवधि के लिए प्याज पर स्टॉक लिमिट लगाई है। साथ ही, आयात के नियमों में भी ढील दी गई है। (आईएएनएस)

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