आक्रामकता नियंत्रित करने में काम आ रहे हैं धोनी के टिप्स : कोहली

By: Team Aapkisaheli | Posted: 11 Jun, 2012

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आक्रामकता नियंत्रित करने में काम आ रहे हैं धोनी के टिप्स : कोहली
नई दिल्ली। मैदान पर विराट कोहली की आक्रामकता क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय है लेकिन भारत का उप कप्तान अपने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से मिली सलाह के बाद अपने रवैये को बदलने में कडी मेहनत कर रहा है। कोहली ने कहा, "मैंने इसके बारे में धोनी से काफी बात की है। वह ऎसा खिलाडी है जो भावनाओं में नहीं बहता और उस हद को पार नहीं करता। वह ऎसा खिलाडी है जो हमेशा धैर्य से काम लेता है। इतने महत्वपूर्ण व्यक्ति से इस तरह की चीज सीखना अहम है।" उन्होंने कहा, "वह मुझे कहता रहता है कि जब तक मैं इस हद के अंदर रहूंगा तब तक क्रिकेटर के रूप में मुझमें सुधार होता रहेगा।" यह पूछने पर कि क्या उप कप्तानी ने उन्हें अधिक जागरूक कर दिया है, कोहली ने कहा, "जब मैं उप कप्तान बना तो मेरे आसपास के लोगों ने मुझसे कहा कि मुझे अपनी आक्रामकता के बदलाव लाने की जरूरत है। क्योंकि लोगों की अब मुझे पर अधिक नजर है और मुझे अपने आक्रामक रवैये में बदलाव करना होगा।" उन्होंने कहा, "आप समय के साथ सीखते हो। शुरूआत में मैं उस तरह प्रतिक्रिया देता था जिस तरह मुझे नहीं देनी चाहिए। अब जब मैं पीछे मुडकर देखता हूं..यह स्वाभाविक नहीं था। दबाव और विशेष मौकों ने आक्रामकता को नियंत्रित करना मुश्किल कर दिया।" कोहली को जब टीम का सीनियर बल्लेबाज कहा गया था तो उन्होंने कहा, "मैं टीम में सीनियर बल्लेबाज नहीं हूं। कुछ सत्र में अच्छा प्रदर्शन किसी को सीनियर बल्लेबाज नहीं बनाता। एक व्यक्ति सीनियर बल्लेबाज तब बनता है जब वह छह या सात साल तक लगातार अच्छा प्रदर्शन करता है।" दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने हालांकि स्वीकार किया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद उन्होंने आईपीएल से पहले अपने ऊपर काफी दबाव बना लिया था। उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो आईपीएल के पहले चरण के दौरान मैं अधिक दबाव महसूस कर रहा था। मैंने सोचा कि मैंने कुछ मानक स्थापित किए हैं और मुझे इन पर खरा उतरना होगा। मैं इस तरह रणनीति से दूर हो गया। आईपीएल के बाद के हिस्से में हालांकि मैं राह पर लौट आया।" यह पूछने पर कि क्या वह राहुल द्रविड के संन्यास से अतिरिक्त दबाव में हैं जिसने अंतिम एकादश में पुजारा, रोहित शर्मा या अजिंक्य रहाणो जैसे युवा खिलाडी के लिए रास्ते खोल दिए हैं, कोहली ने कहा, "राहुल भाई की तरह निरंतर अच्छा प्रदर्शन करना असंभव है। लेकिन मैं दबाव वाली परिस्थितियों में सफल रहा हूं। अगर दबाव नहीं होता तो फिर मजा नहीं आता।" उन्होंने कहा, "मुझे चुनौती पसंद है। आपको ऎसे क्षेत्रों में सुधार करना होता है जिसके बारे में आपने पहले नहीं सोचा था। मैं तुलना करने पर अधिक ध्यान नहीं देता। हमारे में से छह या सात खिलाडी ऎसे हैं जो भारत के लिए लंबे समय तक खेलेंगे। मैं रोहित को इस कतार से अलग रखूंगा क्योंकि वह इनमें काफी अधिक प्रतिभावान है। मुझे पता है कि निकट भविष्य में हम भारतीय टीम में साथी होंगे।" कोहली का मानना है कि घरेलू सरजमीं पर 10 टेस्ट नए नजर आ रहे मध्यक्रम को विदेशी सीरीज से पहले सहज होने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा, "यह अच्छी चीज है कि हम अपनी सरजमीं पर खेल रहे हैं। इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया ने हमें अपनी सरजमीं पर हराया था।"
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