राष्ट्रपति चुनाव के बाद बढेंगी डीजल की दरें

By: Team Aapkisaheli | Posted: 09 Jun, 2012

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राष्ट्रपति चुनाव के बाद बढेंगी डीजल की दरें
नई दिल्ली। डीजल की कीमत बढाने के बारे में अब कोई भी फैसला राष्ट्रपति चुनाव के बाद ही होगा। गठबंधन राजनीति में फंसी संप्रग सरकार अपने उम्मीदवार के लिए समर्थन जुटाने के चक्कर में फिलहाल अपने सहयोगी दलों को नाराज नहीं करना चाहती। पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी भी इस हकीकत को समझ चुके हैं। यही वजह है कि कुछ दिन पहले तक वित्त मंत्री से इस बारे में जल्दी फैसला करने का दबाव बनाने वाले रेड्डी अब यह कह रहे हैं कि डीजल कीमत बढाने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है।

शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान रेड्डी से जब यह पूछा गया कि डीजल कीमत निर्धारित करने पर प्रस्तावित प्राधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह [ईजीओएम] की बैठक कब होगी, तो उनका जबाव था कि अभी न तो हम इस बारे में विचार कर रहे हैं और न ही बैठक की तिथि ही तय की गई है। एक पखवाडे पहले रेड्डी ने कहा था कि उन्होंने डीजल कीमत पर विचार करने के लिए वित्त मंत्री से जल्द से जल्द समय मांगा है। वैसे इस ईजीओएम की अंतिम बैठक एक वर्ष पहले हुई थी। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सरकार न सिर्फ तृणमूल कांग्रेस, बल्कि समाजवादी पार्टी को भी मना रही है। यह दोनों दल पेट्रो उत्पादों की कीमत में वृद्धि को लेकर एकदम खिलाफ हैं। ऎसे में डीजल की कीमत में बढोतरी से इनकी नाराजगी बढ सकती है।

एक वजह पेट्रोल की कीमत वृद्धि के खिलाफ प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के नए ऎलान को भी माना जा रहा है। भाजपा ने इसके खिलाफ आगामी 22 जून को जेल भरो आंदोलन करने का आह्वान किया है। वैसे, सरकार का आकलन है कि कच्चे तेल की कीमतें आने वाले हफ्तों में तेजी से गिरेंगी। वैश्विक मंदी की आशंका बढने से पिछले एक पखवाडे में क्रूड 109 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 98.50 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। इस तरह से डीजल पर तेल कंपनियों का घाटा 13.50 रूपये से घट कर 10 रूपये प्रति लीटर पर आ चुका है। डीजल कारों पर विशेष शुल्क लगाने की सरकारी योजना का सरकार के अंदर और बाहर दोनों तरफ से विरोध हो रहा है।

भारी उद्योग व लोक उपक्रम मंत्रालय ने इस सुझाव का विरोध किया है। वहीं प्रमुख रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने भी कहा है कि इससे कोई फायदा नहीं होने वाला। भारी उद्योग व लोक उपक्रम मंत्रालय इस प्रस्ताव के खिलाफ अगले हफ्ते एक रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को देने वाला है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस प्रस्ताव से नुकसान ज्यादा है, फायदा कम है। क्रिसिल का कहना है कि डीजल कारों पर अतिरिक्त शुल्क लगा देने से डीजल सब्सिडी में कोई खास कमी नहीं होगी।
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