देहरादून के एक होटल में आत्महत्या करने वाले मेरठ के प्रेमी जोड़े की कहानी अब सामने आ गई है। दरअसल, प्रेमी जोड़े के परिजनों ने उन्हें जबरदस्ती भाई-बहन..." />

प्रेमिका से जबरन बंधवाई प्रेमी को राखी, फिर...

By: Team Aapkisaheli | Posted: 26 , 2016

प्रेमिका से जबरन बंधवाई प्रेमी को राखी, फिर...
मेरठ। देहरादून के एक होटल में आत्महत्या करने वाले मेरठ के प्रेमी जोड़े की कहानी अब सामने आ गई है। दरअसल, प्रेमी जोड़े के परिजनों ने उन्हें जबरदस्ती भाई-बहन के रिश्ते में बांध दिया था। रक्षाबंधन से दो दिन पहले प्रेमिका से प्रेमी को राखी बंधवाई गई थी। 18 अगस्त को दोनों ने मेरठ छोड़ दिया। आत्महत्या से पहले दोनों ने अपने परिजनों को मैसेज कर अपने इरादों की जानकारी भी दे दी थी।


सर्वोदय कॉलोनी के रहने वाले मनोज शर्मा (40) और संजय कॉलोनी की उनकी प्रेमिका (23) का शव बुधवार को देहरादून के एक होटल के कमरे में पंखे से झूलता मिला था। मनोज शादीशुदा था और कोचिंग चलाता था। उसका 15 साल का एक बेटा है। युवती किला रोड स्थित एक स्कूल में टीचर थी। इसके अलावा वह मनोज की कोचिंग में अंग्रेजी पढ़ाती थी। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच प्रेम प्रसंग की शुरुआत तीन साल पहले हुई थी। परिजनों को चार माह पहले इस बात का पता चला। मनोज ने युवती से शादी का प्रस्ताव रखा। मनोज की पत्नी ने इसे मानने से इनकार कर दिया। प्रेमी-प्रेमिका के मिलने जुलने पर पाबंदी लगा दी गई। इसके बावजूद दोनों मिलते रहे। जब यह बात परिजनों को पता चली तो उन्होंने फिर दोनों को अलग करने का दबाव बनाया।

दोनों के परिजनों ने रक्षाबंधन से दो दिन पहले प्रेमिका से मनोज को राखी बंधवा दी। परिजनों को लगता था कि इससे वे आपस में मिलना बंद कर देंगे। लेकिन प्रेम में डूबे मनोज और युवती ने इस नए रिश्ते को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने घर से भागने का फैसला किया। 18 अगस्त सुबह रक्षाबंधन के दिन दोनों यहां से फरार हो गए। इस पर युवती के परिजनों ने मनोज के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया। बुधवार शाम दोनों के शव देहरादून के होटल से बरामद हुए। दोनों ने अपने परिवार को आत्महत्या से पहले मैसेज कर इसकी सूचना दे दी थी। युवती ने अपने पिता को किए मैसेज में लिखा था कि वह अपने परिवार को बहुत प्यार करती है इसके बावजूद दुनिया छोड़ कर जा रही है। वहीं मनोज ने अपनी पत्नी को मैसेज भेजा था, उसमें पूछा था कि अब तो तुम खुश हो।


इस मामले में मेरठ पुलिस की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। परिजनों का कहना है कि दोनों ने अपने मोबाइल से मैसेज किए थे, इसका अर्थ है कि उनके मोबाइल ऑन थे, लेकिन एफआईआर दर्ज होने के बावजूद पुलिस उनके फोन को सर्विलांस पर लेकर उनका पता नहीं लगा पाई। परिजनों का यह भी आरोप है कि पुलिस फरार प्रेमी जोड़े को ढूढऩे के लिए किराए पर कार लेने का खर्च भी उन लोगों से मांग रही थी। उनका आरोप है कि अगर समय रहते पुलिस ऐक्टिव हो जाती तो शायद दोनों जिंदगियां बचाई जा सकती थीं।

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