"आप" के कानून मंत्री की डिग्री फर्जी, फिर भी पार्टी से राहत

By: Team Aapkisaheli | Posted: 28 Apr, 2015


नई दिल्ली। दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की स्नातक डिग्री फर्जी बताए जाने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। गौर हो कि तोमर ने बिहार की एक यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री लिए जाने का दावा किया था। बिहार के एक यूनिवर्सिटी ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि दिल्ली के विधि मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर का अंतरिम प्रमाणपत्र "जाली है और इसका संस्थान के रिकार्ड में अस्तित्व नहीं है।" तोमर ने इसी विश्वविद्यालय से विधि की शिक्षा प्राप्त करने का दावा किया है। इस खुलासे के बाद तोमर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

केजरीवाल सरकार में अभी कानून का महकमा संभाल रहे तोमर की दिल्ली मंत्रिमंडल से विदाई हो सकती है। बिहार के तिलक मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय ने अदालत के सामने अपनी जांच रिपोर्ट रखकर कहा कि अंतरिम प्रमाणपत्र में दिया गया सीरियल नंबर रिकार्ड में तोमर की जगह किसी अन्य व्यक्ति का नाम दिखाता है। न्यायमूर्ति राजीव शकधर की पीठ के सामने रखे गये हलफनामे में कहा गया कि जांच रिपोर्ट और विश्वविद्यालय रिकार्ड के आधार पर सीरियल नंबर 3687 वाला अंतरिम प्रमाणपत्र 29 जुलाई 1999 को संजय कुमार चौधरी को वर्ष 1998 में हुई बीए (आनर्स) की राजनीतिक विज्ञान की परीक्षा के लिए दिया गया था।

उन्होंने कहा कि तोमर के नाम का अंतरिम प्रमाणपत्र जाली दस्तावेज है और इसका विश्वविद्यालय रिकार्ड में अस्तित्व ही नहीं है। विश्वविद्यालय ने उस याचिका पर आधारित नोटिस का जवाब दिया जिसमें आरोप लगाया गया कि तोमर ने विधि स्त्रातक की "जाली" डिग्री के आधार पर अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया। अदालत ने उत्तर प्रदेश के डाक्टर राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से भी जवाब मांगा था जहां से विधि मंत्री ने विज्ञान में स्त्रातक करने की बात कही थी। इस याचिका पर पक्षकार बनाने की मांग करने वाले दिल्ली के बार सदस्यों ने अदालत को जानकारी दी कि उन्हें अवध विश्वविद्यालय से जानकारी मिली है कि तोमर की स्त्रातक की डिग्री कथित रूप से "जाली" है।

Mixed Bag

Ifairer