अटल बिहारी वाजपेयी को मिला भारत रत्न सम्मान

By: Team Aapkisaheli | Posted: 28 Mar, 2015

अटल बिहारी वाजपेयी को मिला भारत रत्न सम्मान
नई दिल्ली। विरोधियों में भी सम्मान के पात्र रहे राजनेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को शुक्रवार को देश के शीर्ष नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वाजपेयी के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित निवास पर खुद जाकर उन्हें इस पुरस्कार से नवाजा। इस अवसर पर वाजपेयी के कुछ नजदीकी संबंधी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह आदि भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले ट्वीट किया था कि करोडों भारतवासियों के लिए शुक्रवार ऎतिहासिक दिन है।

राष्ट्रपति द्वारा वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री के निवास के लॉन में चाय पार्टी का आयोजन हुआ। जिसमें अन्य लोगों के अलावा कुछ केंद्रीय मंत्रियों और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद सहित कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित थे। वाजपेयी को उनके जन्मदिन से एक दिन पहले 24 दिसंबर को भारत रत्न देने संबंधी निर्णय का एलान किया गया था। वाजपेयी बीते साल 25 दिसंबर को 90 साल के हो गए थे।

पूर्व प्रधानमंत्री के साथ ही प्रसिद्ध शिक्षाविद और स्वतंत्रता सेनानी महामना मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) को भी भारत रत्न देने की घोषणा 24 दिसंबर को ही की गई थी। इत्तफाक की बात है कि वाजपेयी और मालवीय दोनों का जन्मदिन 25 दिसंबर है। वाजपेयी का जन्म इस तारीख को 1924 में और मालवीय का जन्म 1861 को हुआ था। महामना का पुरस्कार 30 मार्च को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में उनके परिजन ग्रहण करेंगे। ग्वालियर में जन्मे वाजपेयी जनसंघ के अध्यक्ष और भाजपा के संस्थापक अध्यक्ष रहे। वे तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। उनकी पहली सरकार 1996 में मई में बनी थी जो मात्र 13 दिन चली।

दूसरी सरकार मार्च 1998 में बनी जो 13 महीने रही। इसके बाद उनकी तीसरी सरकार ने पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा किया था। वे देश के ऎसे पहले प्रधानमंत्री बने, जिनका कांग्रेस से कभी नाता नहीं रहा। साथ ही वे कांग्रेस के अलावा किसी अन्य दल के ऎसे अकेले प्रधानमंत्री रहे जिन्होंने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से गहरे से जुडे होने के बावजूद वाजपेयी की एक धर्मनिरपेक्ष और उदारवादी छवि है। उनकी लोकप्रियता भी दलगत सीमाओं से परे है।

उन्हें साहसिक पहल करने के लिए भी जाना जाता है जिसमें प्रधानमंत्री के रूप में उनकी 1999 की ऎतिहासिक लाहौर बस यात्रा शामिल है, जब पाकिस्तान जाकर उन्होंने वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ लाहौर घोषणा पर हस्ताक्षर किए। वाजपेयी और महामना भारत रत्न से नवाजे जाने वाली 44वीं व 45वीं हस्ती हैं। वाजपेयी उम्र से जुडी बीमारियों के कारण इन दिनों सार्वजनिक जीवन से दूर हैं। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और अब वाजपेयी ऎसे प्रधानमंत्री हैं जिन्हें उनके जीवनकाल में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इनमें नेहरू और इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री रहते उनकी अपनी सरकारों ने ही इस पुरस्कार से नवाजा था।

प्रधानमंत्री मोदी ने वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने पर खुशी जताते हुए कहा वे एक ऎसे नेता हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया। आज हमें उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने का सौभाग्य मिला है। भारत में मेरे जैसे करोडों कार्यकर्ता हैं, जिनका जीवन वाजपेयी से प्रेरित है। वाजपेयी के निवास से बाहर आने पर वित्त मंत्री अरूण जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को यह सम्मान दिया जाना एक शक्तिशाली राष्ट्रवादी नेता के रूप में देश के लिए उनकी सेवाओं को मान्यता देना है। उन्होंने कहा कि वे केवल अपनी ही पार्टी के नहीं बल्कि पूरे देश के नेता हैं। वे भारत नहीं बल्कि पूरे विश्व के नेता हैं। यह हम सबके लिए खुशी का अवसर है।

उन्होंने बताया कि वाजपेयी के निवास पर यह समारोह राष्ट्रपति भवन की ओर से आयोजित किया गया। अस्वस्थ होने के कारण वाजपेयी राष्ट्रपति भवन नहीं जा सकते थे। इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद और जद (एकी) अध्यक्ष शरद यादव आदि उपस्थित थे।

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