एशियाई खेल (स्क्वॉश) : सौरभ नहीं ला सके सोना, रजत से रहना पडा संतुष्ट

By: Team Aapkisaheli | Posted: 23 , 2014

एशियाई खेल (स्क्वॉश) : सौरभ नहीं ला सके सोना, रजत से रहना पडा संतुष्ट
इंचियोन (दक्षिण कोरिया)। भारत के सर्वोच्च वरीय पुरूष स्क्वॉश खिल़ाडी सौरभ घोषाल को मंगलवार को 17वें एशियाई खेलों के एकल मुकाबलों के फाइनल में हार का सामना करना प़डा। इसके साथ ही सौरभ स्वर्ण पदक के बेहद पास पहुंच कर भी उससे दूर रह गए। सौरभ को रजत से संतोष करना प़डा। विश्व के 16वें वरीय सौरभ को कुवैत के अल्मेजायेन अब्दुल्लाह ने एक घंटे 15 मिनट में 10-12, 2-11, 14-12, 11-8, 11-9 से हराया। अब्दुल्लाह विश्व रैंकिंग में 46वें स्थान पर हैं।
 फाइनल मुकाबले में पहले दो मैच जीतने के बाद ऎसा लग रहा था कि 28 वर्षीय सौरभ आसानी से स्वर्ण पर कब्जा जमा लेंगे। कुवैत ने हालांकि इसके बाद शानदार वापसी करते हुए अगले तीनों गेम जीत कर भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। सौरभ 2006 और 2010 के एशियाई खेलों के विजेता रहे मलेशिया के ओंग बेंग को हराकर फाइनल में पहुंचे थे।
फाइनल में कुवैत के अब्दुल्लाह से पहला गेम सौरभ ने 21 मिनट में 12-10 से जीता। इसके बाद भारतीय खिल़ाडी ने दूसरे गेम में शानदार प्रदर्शन करते हुए केवल छह मिनट में 11-2 की जीत हासिल की। इसके बाद हालांकि अब्दुल्लहा ने वापसी की और अगला गेम 14-12 से जीत लिया।
 चौथे गेम में भी सौरभ को 12 मिनट नें 8-11 से हार का सामना करना प़डा। आखिरी गेम में घोषाल ने एक समय 6-4 की बढ़त बनाई। अब्दुल्लाह ने हालांकि एक बार फिर वापसी करते हुए 10-7 की बढ़त हासिल कर ली और मैच 11-9 से जीतने में कामयाब हुए। एशियाई खेलों में सौरभ का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, और एशियाई खेलों के स्क्वॉश स्पर्धा के इतिहास में भी भारत ने पहली बार रजत पदक जीता है। सौरभ इससे पहले दो बार 2006 और 2010 के एशियाई खेलों में एकल कांस्य जीत चुके हैं। साथ ही 2010 की टीम स्पर्धा में भी सौरभ ने एक कांस्य जीता था।

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