POK पर फूटा कश्मीरियों का गुस्सा, जलाए पाकिस्तानी झंडे

By: Team Aapkisaheli | Posted: 29 July, 2016

POK पर फूटा कश्मीरियों का गुस्सा, जलाए पाकिस्तानी झंडे
मुजफ्फराबाद। पाक के कब्जे वाले कश्मीर में चुनावों में हेराफेरी को लेकर स्थानीय लोगों में फूटा गुस्सा रूकने का नाम नहीं ले रहा है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की सरपरस्ती में हुई चुनावी धांधली से यहां के लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ भारी गुस्सा देखा जा रहा है। पाक ने 21 जुलाई को अपने कब्जे वाले कश्मीर में चुनाव कराया था। इस चुनाव के बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि आईएसआई ने नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग के पक्ष में खुलकर हेराफेरी की और इसी का नतीजा हुआ कि उसे 41 सीटों में से 32 पर जीत मिल गई। चुनावी नतीजे आने के बाद से स्थानीय लोग सडक पर उतरे हुए हैं। शुक्रवार को नीलम घाटी में गुस्साए लोगों ने पाकिस्तानी झंडे जलाए। इलेक्शन से जुड़े पोस्टर्स पर लोगों ने कालिख पोत दी। चुनावी प्रक्रिया और नतीजों के विरोध में मुजफ्फराबाद, कोटली, चिनारी और मीरपुर में लोग भारी संख्या में सडक पर निकल गए हैं। गुस्से में लोगों ने सडक पर टायर भी जलाए। चुनाव में हार का सामना करने वाले एक मुस्लिम कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा, ‘चुनावों में हेराफेरी के बाद पीएम नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल (एन) प्रॉपेगैंडा फैला रहा है और लोगों की हत्या में लिप्त है। पीएमएल के सदस्यों ने मेरे दोस्त की हत्या कर दी। यदि प्रशासन हत्यारे के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता है तो भविष्य की घटनाओं के लिए वही जिम्मेदार होगा। इस चुनाव में मुस्लिम कॉन्फ्रेंस और पीपीपी को तीन-तीन सीटें मिली हैं।

राजनीतिक दलों ने चुनावों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। मुजफ्फराबाद से नीलम घाटी तक के मतदाताओं ने शिकायत की है उन्हें वोट नहीं डालने दिया गया। पीओके के पूर्व प्रधानमंत्री और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस के नेता बैरिस्टर सुल्तान मोहम्मद चौधरी ने कहा, इलेक्शन में भारी हेराफेरी की गई है। वोटर्स को खरीदने के लिए जमकर पैसे बांटे गए। मीरपुर इलाके में वोटर्स को पैसे देने के मामले खूब सामने आए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चुनावी नतीजा हमेशा फिक्स होता है। पाकिस्तान की जो सत्ताधारी पार्टी होती है उसे ही जीत मिलती है। इस मामले में उम्मीद न के बराबर होती है कि कोई तीसरी पार्टी को जीत मिले। स्थानीय नागरिक ने बताया, 2011 में पाकिस्तान पीपल्स पार्टी ने पीओके में सरकार बनाई थी, क्योंकि तब पाकिस्तान की सत्ता उसके पास थी। यह मजाक है कि लोगों को वोट देने का अधिकार है। यहां केवल चेहरे बदलते हैं। हमें हमेशा मूर्ख बनाया जाता है। मुस्लिम कॉन्फ्रेंस (एमसी) के एक समर्थक की पीएमएल (एन) के सदस्यों ने मुजफ्फराबाद में हत्या कर दी थी। इसके बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए पाकिस्तानी प्रशासन ने मीडिया को इसकी रिपोर्टिंग करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वास्तविक वोटर्स को वोटिंग से दूर रखा गया। कहा जा रहा है कि आईएसआई ने पीएमएल को जिताने की लिए चुनावो में धांधली की। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हुए चुनाव को लोग फर्जी बता रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इन्होंने चुनाव में धांधली को लेकर शिकायत भी की लेकिन किसी ने सुनी नहीं। चुनावी प्रक्रिया में धांधली का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने बताया है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब चुनाव के नाम कुछ भी निष्पक्ष तरीके से नहीं हुआ। हर चुनाव में यह देखने को मिलता है कि लोग सडक पर उतरते हैं और मीडिया में रिपोर्टिंग को बैन कर दिया जाता है। हर चुनाव में विदेशी पर्यवेक्षकों को भी नहीं आने दिया जाता। प्रशासन ने मीडिया पब्लिकेशन और प्रसारण को पूरी तरह से बैन कर दिया है। पीओके असेंबली हॉल और अन्य सरकारी इमरातों के पास भी प्रदर्शनकारी विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि इन्हें मतदान करने से रोका गया था।

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