आनंद पांचवीं बार शतरंज के शहंशाह

By: Team Aapkisaheli | Posted: 31 May, 2012

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आनंद पांचवीं बार शतरंज के शहंशाह
मास्को। भारतीय ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद ने बुधवार को यहां तनाव भरे रेपिड शतरंज टाईब्रेकर में इस्त्रइल के चैलेंजर बोरिस गेलफांद को हराकर लगातार चौथी और कुल पांचवीं बार विश्व खिताब जीत लिया। आनंद ने यहां स्टेट त्रेत्याकोव गैलरी में चार बाजियों के टाईब्रेकर में दूसरी बाजी जीती जबकि बाकी तीन बाजियां उन्होंने ड्रा कराई। भाग्य ने भी अंतिम बाजी में अहम भूमिका निभाई जिससे भारत का दिग्गज खिलाडी जीत दर्ज करने में सफल रहा। 12 क्लासिकल बाजियों के बाद मुकाबला 6-6 से बराबर रहा था जिसके बाद नतीजे के लिए रेपिड टाईब्रेकर का सहारा लिया गया जिसमें आनंद ने 2.5-1.5 से बाजी मार ली और कुल पांचवीं तथा 2007 के बाद लगातार चौथी बार विश्व चैंपियन बने। इस जीत का मतलब है कि भारत का यह दिग्गज शतरंज खिलाडी 2014 तक विश्व चैंपियन रहेगा जब अगली विश्व चैंपियनशिप का आयोजन किया जाएगा। मुकाबला काफी तनाव भरा रहा जिसने त्रेत्याकोव गैलरी में मास्को के मौसम में भारत की गर्मियों का अहसास करा दिया। शतरंज बोर्ड पर गर्मागर्म चर्चा, उतार चढाव भरी बाजियां और इससे भी अधिक चैंपियन और चैलेंजर के बीच कडा संघर्ष देखने को मिला। आनंद की सफलता का श्रेय उनकी तेजी को जाता है। अधिकांश मौकों पर देखा गया कि गेलफांद के पास अंत में सिर्फ कुछ सेकेंड बचे हैं जबकि आनंद ने पास तब भी कुछ मिनट का समय बाकी था। गेलफांद ने पहली बाजी सफेद मोहरों के साथ खेली लेकिन उन्हें अपनी शुरूआत से कोई फायदा नहीं मिला। इस्त्रइली खिलाडी की गलती के कारण आनंद फायदे की स्थिति में दिखे लेकिन खेल आगे बढने पर भारतीय खिलाडी ने भी गलती करते हुए मौका गंवा दिया। गेलफांद ने मौके बनाए लेकिन अपनी स्थिति मजबूत करने से पहले ही इस्त्रइली खिलाडी मुसीबत में घिर गया क्योंकि उनके पास काफी कम समय बचा था। जल्द ही दोनों खिलाडी ड्रा के लिए राजी हो गए जिससे गेलफांद ने राहत की सांस ली होगी। आनंद ने इसके बाद दूसरी बाजी में सफेद मोहरों के साथ खेला। इस बाजी में काफी उतार चढाव देखने को मिला। यह बाजी ड्रा हो सकती थी लेकिन गेलफांद ने जोखिम उठाया और आनंद ने मुकाबले में वापसी कर ली। इसके बाद यह बाजी ड्रा की ओर बढ रही थी लेकिन अपनी तेज चालों के लिए मशहूर आनंद ने गेलफांद पर दबाव बनाया और समय की कमी के बीच इस इस्त्रइली खिलाडी ने अंतत: गलती कर दी जिससे आनंद दूसरी बाजी जीतने में सफल रहे। गेलफांद के पास तीसरी बाजी में संभवत: वापसी करने का अंतिम मौका था लेकिन उन्होंने फिर गलती करके मौका गंवा दिया। गेलफांद जल्द ही काफी मजबूत स्थिति के साथ जीत की ओर बढ रहे थे लेकिन एक बार फिर उन्हें वही पुरानी समय की कमी का सामना करना पडा। आनंद ने इसी का फायदा उठाते बाजी ड्रा करा ली। आनंद ने चौथी बाजी में रोसलिमो सिसिलियन पण्राली अपनाई जिसे वह दूसरी बाजी में भी अपना चुके थे। उन्होंने जल्द ही रानियों की अदला बदला की जिसके बाद मुकाबला बराबरी का था। गेलफांद के पास ऊंट का जोडा था लेकिन सफेद मोहरों के साथ खेल रहे आनंद ने आक्रमण करने के लिए कोई कमजोरी नहीं छोडी थी। गेलफांद बीच में काफी देर तक थोडी बेहतर स्थिति में दिखे लेकिन अपनी स्थिति में सुधार नहीं कर पाए और आनंद ने जल्द ही उनकी वापसी की संभावनाओं को खत्म कर दिया। आनंद को विश्व खिताब जीतने के लिए ड्रा की जरूरत थी जो उन्हौंने 56 चाल के बाद हासिल कर लिया। आनंद ने मुकाबले के बाद कहा, "यह काफी तनावपूर्ण था। आज जब मैं उठा तो मुझे पता था कि नतीजा निकल आएगा लेकिन मुझे नहीं पता था कि यह किसके पक्ष में जाएगा। यह इतना बराबरी का था कि मुझे नहंी पता था कि टाईब्रेकर का नतीजा क्या रहेगा।" इस दिग्गज भारतीय ने अपना पहला विश्व खिताब वर्ष 2000 में जीता था जिसके बाद वह 2007, 2008 और 2010 में लगातार तीन बार विश्व चैंपियन बनने में सफल रहे। वह 2007 से वि चैंपियन हैं। आनंद को इस 25 लाख 50 हजार डालर इनामी प्रतियोगिता से 55 प्रतिशत यानी लगभग 14 लाख डालर की राशि मिलेगी। बाकी राशि गेलफांद के हिस्से में आएगी। भारत के इस दिग्गज खिलाडी ने 2007 में विश्व चैंपियनशिप आठ खिलाडियों के बीच टूर्नामेंट प्रारूप में जीती थी। आनंद ने प्रतियोगिता का प्रारूप गत चैंपियन और चैलेंजर के बीच चैंपियनशिप मैच के रूप में बदले जाने के बाद वर्ष 2008 और 2010 में क्रमश: रूस के व्लादिमीर Rैमनिक और बुल्गारिया के वेसलिन टोपालोव को हराकर खिताब जीता था।
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