एयर इंडिया हडताल टूटने के कगार पर, तीन कर्मचारी लौटे

By: Team Aapkisaheli | Posted: 16 May, 2012

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एयर इंडिया हडताल टूटने के कगार पर, तीन कर्मचारी लौटे
नई दिल्ली। एयर इंडिया की पायलट हडताल बुधवार को टूटने के कगार पर पहुंच गई जब उसके तीन हडताली पायलट काम पर लौट आए। वहीं आईपीजी ने सरकार से कहा है कि वह गतिरोध समाप्त करने के लिए सरकार से बातचीत के लिए तैयार है।

इससे पूर्व कहा जा रहा था कि पायलट बुधवार को नौवें दिन पर हडताल पर हैं और उनके काम पर लौटने की अभी कोई आशा नहीं है। लेकिन शाम तक तीन कर्मचारी ने अपनी ड्यूटी पर वापसी की। हडताल के नौंवे दिन आज 6 उडानें रद्द की जा चुकी हैं। इससे पहले मंगलवार को इस पूरे मामले पर सरकार बेबसी जता चुकी है। एयर इंडिया ने पायलटों की जारी हडताल के बीच विदेशी उडानों को बहाल करने के लिए बुधवार को अपनी आपात योजना लागू कर दी। इसके तहत यूरोप और अमेरिका के गंतव्य के लिए उडानों को आपस में मिला दिया गया। नई योजना लागू करने के बाद कम्पनी को बुधवार को केवल एक उडान रद्द करनी पडी।

वहीं दूसरी ओर लगभग नौ दिन पुरानी एयर इंडिया की हडताल को सरकार द्वारा अवैध करार देने के खिलाफ दायर पायलटों की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने मंगलवार को हडताली पायलटों को उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया था और कहा था कि वे काम पर लौट आएं क्योंकि यात्रियों तथा देश के प्रति उनकी जिम्मेदारी बनती है। पहले से खस्ता हालात में चल रही विमानन कंपनी एयर इंडिया पर इस हडताल से अब तक 150 करोड रूपये का और बोझ पड गया है। उधर पायलटों के संघ इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एकल पीठ के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें पायलटों की हडताल को अवैध करार देते हुए इस पर रोक लगाई थी।

यह मामला सुनवाई के लिए बुधवार को जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस राजीव शकधर की पीठ के समक्ष आएगा। एयर इंडिया की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रेवा क्षेत्रपाल ने 9 मई को आईपीजी से सम्बंधित 100 पायलटों के हडताल जारी रखने पर रोक लगा दी थी। लोकसभा में नागरिक उड्डयन और एयर इंडिया पर बहस का जवाब देते हुए अजित सिंह ने कहा कि मैं पायलटों से अनुरोध करता हूं कि वे काम पर लौट आएं। उसके बाद उनके सभी मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है। मैं सभी पक्षों से अनुरोध करता हूं कि वे पायलटों से काम पर आने के लिए कहें, ताकि यात्रियों को परेशानी नहीं हो और एयर इंडिया को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि पायलटों ने चार मुख्य मांगें रखी हैं। उनमें बोइंग 787 विमान उडाने का विशेषाधिकार, 2007 और उसके बाद के बकाए वेतन का भुगतान, काम पर नहीं होने के दौरान प्रथम श्रेणी में यात्रा का अधिकार और छह साल में कमांडर के रूप में प्रोन्नत किए जाने का अधिकार हैं।
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