पायलटों पर चला डंडा, 10 बर्खास्त

By: Team Aapkisaheli | Posted: 08 May, 2012

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पायलटों पर चला डंडा, 10 बर्खास्त
नई दिल्ली। एयर इंडिया प्रबंधन ने मंगलवार को हडताल पर गए 10 पायलटों को सेवा से बर्खास्त करते हुए इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) की मान्यता खत्म कर दी। एयर इंडिया के करीब 100 पायलट बीमारी का हवाला देकर हडताल पर चले गए जिससे चार अंतरराष्ट्रीय उडानें रद्द की गई व कई प्रभावित हुई। इससे पहले मंगलवार को हडताली पायलटों के खिलाफ कडा रूख अपनाते हुए एयर इंडिया प्रबंधन ने कार्रवाई की बात कही थी।

प्रबंधन ने कहा कि हडताली पायलट या तो शाम छह बजे तक काम पर लौट आएं या कार्रवाई को तैयार रहें। वहीं नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने भी पायलटों की हडताल को अवैध व अनुचित करार दिया। उल्लेखनीय है कि बीमारी का हवाला देकर एयर इंडिया पायलटों का एक बडा वर्ग छुट्टी पर चला गया। प्रबंधन के साथ बातचीत विफल हो जाने के बाद पायलटों ने यह कदम उठाया। बोइंग-787 ड्रीमलाइनर विमान की ट्रेनिंग इंडियन एयरलाइंस के पायलटों को दिए जाने के विरोध में यह हडताल बुलाई गई है। अजित सिंह ने कहा कि हडताल का पहले नोटिस दिया जाना चाहिए। पायलट्स को धैर्य रखना चाहिए। हर वर्ग की अपनी-अपनी परेशानियां होती हैं लेकिन थोडा धैर्य रखना चाहिए। यह उचित नहीं है। इससे यात्रियों को परेशानी हो रही है, यह ठीक नहीं है। इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) से संबद्ध दिल्ली और मुंबई में करीब 100 पायलट सोमवार रात को काम पर नहीं आए।

माना जा रहा है कि मंगलवार को करीब 150 पायलट और बीमारी का हवाला देकर छुट्टी पर जा सकते हैं। मंगलवार सुबह तक दिल्ली से शिकागो, मुंबई से न्यूजर्सी, दिल्ली से टोरंटो और दिल्ली से हांगकांग की चार अंतरराष्ट्रीय उडानें रद्द हुई। एयर इंडिया प्रबंधन पिछले दो-तीन दिन में हुए समझौते से पलट गया है। इसलिए हमारे पास कोई और विकल्प नहीं बचा था। इससे पहले प्रबंधन ने इस संकट को टालने के लिए दिल्ली में बैठक की थी। पायलटों का एक वर्ग कथित रूप से अपना विरोध दर्ज कराने के लिए शनिवार को बीमारी का हवाला दे काम पर नहीं आया था। इस कारण एक अंतरराष्ट्रीय उडान रद्द हो गई थी तथा दो उडानें 16 घंटे देरी से उडीं। प्रबंधन ने पायलटों से कहा है कि समस्या के हल के लिए सरकार द्वारा जस्टिस डीएम धर्माधिकारी समिति की रिपोर्ट को लागू करने तक इंतजार करें। गिल्ड के एक पदाधिकारी ने कहा, विरोध प्रदर्शन के लिए कोई समय अच्छा नहीं होता। लेकिन ऎसा समय आ जाता है कि जब विरोध के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचता। उन्होंने कहा कि प्रबंधन स्थिति को गंभीरता से नहीं ले रही है। इसलिए यह सब हो रहा है। हम बातचीत के लिए तैयार हैं। कम से कम हमारी कुछ मांगे तो मानी जाएं।
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