आदर्श सोसायटी घोटाला : गिडवानी सहित सात को मिली जमानत, रक्षा मंत्रालय ने दिया नोटिस

By: Team Aapkisaheli | Posted: 29 May, 2012

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आदर्श सोसायटी घोटाला : गिडवानी सहित सात को मिली जमानत, रक्षा मंत्रालय ने दिया नोटिस
मुंबई। आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाले में मुख्य प्रमोटर व कांग्रेस के पूर्व विधान परिषद सदस्य कन्हैया लाल गिडवानी सहित सात आरोपियों को मंगलवार को यहां की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी। वहीं दूसरी ओर रक्षा मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार और आदर्श हाउसिंग सोसायटी को जमीन लौटाने का नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस में कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार जमीन को रक्षा मंत्रालय के नाम करे और दो महीने के भीतर मालिकाना हक भी सौंपे। अगर महाराष्ट्र सरकार और आदर्श हाउसिंग सोसायटी ऎसा नहीं करती, तो मंत्रालय बम्बई हाईकोर्ट में याचिका दायर करेगा। मंत्रालय ने यह नोटिस सरकार द्वारा गठित दो सदस्यीय जांच आयोग की रिपोर्ट आने के एक माह बाद दिया है। अदालत ने जमानत देते हुए आरोपियों को पांच-पांच लाख रूपये का मुचलका भरने का निर्देश दिया गया और हर हफ्ते मंगलवार व गुरूवार को सीबीआई के मुंबई स्थित दफ्तर में रिपोर्ट करने को कहा गया। जिन आरोपियों को जमानत दी गई है, उनमें आइएएस अधिकारी प्रदीप व्यास, शहरी विकास विभाग के पूर्व उप सचिव पीवी देशमुख, ब्रिगेडियर [अवकाश प्राप्त] एमएम वंचू, सेवानिवृत्त रक्षा एस्टेट अधिकारी आरसी ठाकुर, मेजर जनरल [अवकाश प्राप्त] एआर कुमार, मेजर जनरल [अवकाश प्राप्त] टीके कौल व पूर्व विधान परिषद सदस्य कन्हैया लाल गिडवानी शामिल हैं। सभी आरोपियों पर भादंस व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम तथा बेनामी लेनदेन [निषेध अधिनियम] की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक साजिश के आरोप हैं। आरोपियों ने यह कहकर जमानत दिए जाने का आग्रह किया था कि वे जमानत पाने के हकदार हैं, क्योंकि सीबीआइ ने निर्धारित 60 दिनों के भीतर आरोप पत्र दायर नहीं किया। जमानत का विरोध करते हुए सीबीआइ ने तर्क दिया कि वह भादंसं की धारा 409 [आपराधिक विश्वासघात] व धारा 467 [फर्जीवाडा] जैसी कडी धाराएं लगाना चाहती है, जिनमें उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। इस तरह के मामले में आरोप पत्र दायर करने की समय सीमा 90 दिन होगी। अभियोजक भरत बादामी ने अदालत को बताया कि उन्होंने आरोपियों के हस्ताक्षरों के नमूने ले लिए हैं और इन्हें परीक्षण के लिए भेज दिया गया है। सीबीआई यह साबित करने के लिए सबूत जुटा रही है कि आरोपियों ने भादंसं की दफा 409 और 467 के तहत जुर्म किया। घोटाला दक्षिणी मुंबई के कोलाबा स्थित 32 मंजिला इमारत के निर्माण व अपार्टमेंट आवंटन में कथित अनियमितता से संबंधित है, जो असल में करगिल युद्ध नायकों के परिजनों के लिए थी। आरोपियों को जमानत प्रदान करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि यह अदालत भूमि के मालिकाना हक पर विचार नहीं कर रही, लेकिन उस अपराध को देख रही है जिसमें षड्यंत्र और आधिकारिक पद के दुरूपयोग की बात शामिल है। न्यायाधीश ने आरोपियों को रिहा करते हुए कहा कि धारा 409 [जनसेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात] और धारा 467 [फर्जीवाडा] के तहत अपराध कैसे हुआ, इस बारे में सीबीआई संतोषजनक ढंग से नहीं बता पाई। सीबीआइ ने सोमवार को अदालत से कहा था कि वह आरोपियों के खिलाफ संभवत: इन कठोर धाराओं को जोड सकती है, जिनमें दोषी साबित होने पर आरोपियों को उम्रकैद तक हो सकती है। बंबई हाईकोर्ट सीबीआइ, प्रवर्तन निदेशालय व आयकर विभाग द्वारा की जा रही जांच की निगरानी कर रहा है। सुनवाई की अगली तारीख 1 जून है। हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार सीबीआइ द्वारा इस मामले में अगले महीने आरोपपत्र दायर किए जाने की संभावना है।
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