66वां स्वतंत्रा दिवस, प्रधानमंत्री ने फहराया तिरंगा

By: Team Aapkisaheli | Posted: 15 , 2012

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66वां स्वतंत्रा दिवस, प्रधानमंत्री ने फहराया तिरंगा
नई दिल्ली। 66वें स्वतंत्रा दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज सुबह लाल किले पर तिरंगा फहराया। लाल किले पर जाने से पहले मनमोहन सिंह ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजली अर्पित की। इसके बाद उनका काफिला लाल किले पहुंचा, जहां रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने उनकी अगुवाई की। लाल किले पर तिरंगा फहराकर प्रधानमंत्री ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम ने यूपीए सरकार की उपलब्धियां गिनाई।

रक्षा मुद्दों पर तत्काल कार्रवाई करेगी सरकार
प्रधानमंत्री ने कहा कि सैन्य कर्मियों के वेतन और पेंशन से सम्बंधित सिफारिशें प्राप्त हो जाने पर सरकार उसपर तत्काल कार्रवाई करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारी सरकार ने वेतन और पेंशन से सम्बंधित मुद्दों के परीक्षण के लिए एक समिति गठित की है। यह समिति सेवानिवृत्त हो चुके कर्मियों, अधिकारियों और उनके परिवारों के पेंशन से सम्बंधित मामलों की भी प़डताल करेगी।" मनमोहन ने कहा, "समिति की सिफारिशें प्राप्त हो जाने के बाद हम तत्काल कार्रवाई करेंगे।" प्रधानमंत्री ने कहा कि वह "अपने सुरक्षा बलों को तह-ए-दिल से बधाई देना चाहेंगे, जो नियमित तौर पर हमारी सीमा की रक्षा कर रहे हैं। हम उनकी बेहतरी के लिए लगातार कोशिशें करते रहेंगे।"

भ्रष्टाचार से ल़डने का वादा किया
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को वादा किया कि भ्रष्टाचार मिटाने तथा प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित कराने के लिए और कदम उठाए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, "हम लोक सेवकों के कार्यो में पारदर्शिता लाने तथा उन्हें जवाबदेह बनाने और भ्रष्टाचार मिटाने के लिए लगातार प्रयास करेंगे। लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि इसके लिए उठाए जाने वाले कदमों से सरकारी अधिकारियों का मनोबल न गिरे... जो आधारहीन आरोपों तथा अनावश्यक याचिकाओं से प्रभावित होता है।" प्रधानमंत्री ने कहा कि वह सरकार तथा प्रशासन का काम पारदर्शी व जवाबदेह बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस सम्बंध में उन्होंने लोकसभा में लोकपाल व लोकायुक्त विधेयक के पारित होने का जिR किया। उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि सभी राजनीतिक पार्टियां इसे राज्यसभा से पारित करवाने में भी मदद करेंगी।"

बच्चों की जरूरतों पर विशेष ध्यान
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार बच्चों की जरूरतों पर विशेष ध्यान दे रही है और उसने शिक्षा को कानूनन अनिवार्य बनाया है। प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे बच्चें देश की सबसे ब़डी ताकत हैं। यदि हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले और वे स्वस्थ्य हों, तो हमारा भविष्य उज्वल होगा।" लाल किले से राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा, "इसलिए हमने अपनी नीतियों में बच्चों की जरूरतों पर विशेष ध्यान दिया है। बच्चों की शिक्षा को कानूनन अनिवार्य बनाया गया है।" मनमोहन ने कहा कि 2006-07 में छह से 14 वर्ष के सिर्फ 93 फीसदी बच्चों ने ही स्कूल में दाखिला लिया था। आज इस उम्र के लगभग सभी बच्चें कूल में दाखिल हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षो में देश भर में 51 हजार से अधिक नए स्कूल खोले गए हैं और करीब सात लाख शिक्षकों की भर्ती की गई है। अब शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाए जाने पर ध्यान दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि रोजाना स्कूलों में 12 करो़ड बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया जाता है। उन्होंने कहा, "दुनिया में यह अपने तरह की सबसे ब़डी योजना है।"
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